मध्य प्रदेश

रानी अवंती बाई लोधी और रानी दुर्गावती के सम्मान में पुरस्कार शुरू करने का निर्ण

तेंदूपत्ता संग्रहण दर अब 4 हजार रुपए प्रति बोरा

जबलपुर

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में जबलपुर के शक्ति भवन में मंत्रि-परिषद की बैठक आयोजित की गई। मंत्री परिषद द्वारा जनहित के विभिन्न निर्णय लिए गए। मंत्रि-परिषद ने वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी और रानी दुर्गावती को श्रद्धासुमन अर्पित करते  हुए उनके सम्मान में पुरस्कार शुरू करने का निर्णय लिया है। रानी अवंती बाई लोधी सम्मान और रानी दुर्गावती सम्मान हर वर्ष दिया जाएगा। विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष कर सफल होने वाली समाजसेवी महिलाओं को यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।

दोनो वीरांगनाओं को आदर्श मानते हुए उनके जीवन पर अध्ययन करने वालो को प्रोत्साहित करने के लिए फेलोशिप शुरू की जाएगी। भावी पीढ़ी को रानी अवंती बाई लोधी और रानी दुर्गावती के आदर्श जीवन से परिचय कराने के लिए फिल्म बनाई जायेगी और साथ ही विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और विद्यालयों के पाठ्यक्रम में प्रेरणादायी विषय शामिल किया जाएगा।

रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय

मंत्रि-परिषद ने श्रीअन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू करने का निर्णय लिया है। योजना के अंतर्गत श्रीअन्न – कोदो-कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा आदि के उत्पादन करने वाले किसानों को प्रति किलो 10 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि सीधे किसानों के खाते में अंतरित की जाएगी।

मध्यप्रदेश में कोदो- कुटकी की खेती मण्डला, डिण्डोरी, बालाघाट, छिन्दवाड़ा, अनूपपुर, सीधी, सिंगरौली, उमरिया, शहडोल, सिवनी और बैतूल जिलों में होती है। कोदो-कुटकी के किसानों की आय में वृद्धि के लिए फसल उत्पादन, भण्डारण, प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, उपार्जन, ब्राण्ड बिल्डिंग के साथ वैल्यू चेन विकसित करने के उद्देश्य से रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी द्वारा देश में एक नई मिलेट क्रांति का शुभारंभ किया है। उनकी पहल पर वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है।

तेंदूपत्ता संग्रहण दर अब 4 हजार रुपए प्रति बोरा

मंत्रि-परिषद ने तेन्दूपत्ता संग्रहण दर में वृद्धि करने का निर्णय लिया हैं। तेंदूपत्ता संग्रहण की दर 3 हजार रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा की गई है। इस निर्णय से प्रदेश के 35 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहकों को लगभग 165 करोड़ रुपए का अतिरिक्त पारिश्रमिक प्राप्त होगा।

उल्लेखनीय है कि पूर्व वर्षो में तेंदूपत्ता संग्रहण दर 1 हज़ार 250 रुपए प्रति बोरा थी। वर्ष 2022 से इसे बढ़ाकर 3 हजार रुपए प्रति बोरा की गई थी। अब तेंदूपत्ता संग्रहण दर 4 हजार रुपए प्रति बोरा कर दिया गया है।

ग्वालियर व्यापार मेले में मोटरयान कर की दर पर 50% की छूट देने का निर्णय

मंत्रि-परिषद द्वारा ग्वालियर व्यापार मेले को व्यापक स्वरूप देने और ऑटोमोबाइल सेक्टर में बिक्री को बढ़ावा देने के लिए मोटर साईकिल, मोटर कार तथा हल्के वाहनों के विक्रय पर नियमों के अधीन मोटरयान कर की दर पर 50% की छूट देने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से ग्वालियर व्यापार मेले में व्यापार, पर्यटन एवं औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि ग्वालियर व्यापार मेला मध्यप्रदेश के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध व्यापार मेलों में से एक है। इस मेले ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित कर ली है। ग्वालियर व्यापार मेले में ग्वालियर चंबल क्षेत्र और आस-पास के राज्यों से लाखों लोग आते है।

32 हजार करोड़ रूपये की सिंचाई परियोजनाओं की अनुमति

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश में बुनियादी सिंचाई सुविधाओं का विकास करने की दृष्टि से और सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए 32 हजार करोड़ रुपए की सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण की कार्यवाही की अनुमति दी है।

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में 4 हजार 500 करोड़ रुपए की लागत के सड़क निर्माण के नए कार्यों को प्रारंभ करने की स्वीकृति दी है । यह प्रदेश के अधोसंरचना विकास की दिशा में बड़ा कदम है।

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