प्रदेशरायपुर जिला

चेक क्लोनिंग के जरिये RKC के अकाउंट से 49.5 लाख निकालने की कोशिश, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया

रायपुर। चेक का क्लोन तैयार कर साढ़े 49 लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। राजकुमार कॉलेज के एसबीआई बैंक अकाउंट से साढ़े 49 लाख रुपए निकालने की कोशिश की गई है। अज्ञात ठगों ने ठगी की इस वारदात को अंजाम देने का प्रयास किया लेकिन बैंक अकाउंट में बैलेंस कम होने की वजह से वो अपने नापाक मंसूबो में कामयाब नहीं हो पाए। इस मामले की शिकायत आजाद चौक थाने में की गई है। स्कूल के प्रिंसिपल लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर) अविनाश सिंह ने पुलिस में शिकायत की है।

पुलिस ने देर रात अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि जिस चेक का क्लोन तैयार किया गया था वह स्कूल की एक शिक्षिका के नाम पर 5 लाख 15 हजार का चेक जारी किया था जिसका भुगतान पूर्व में किया जा चुका था। इसी चेक का क्लोन बनाकर अज्ञात आरोपियों ने 49 लाख 50 हजार का चेक बोनगांव सब डिवीजन प्राणवंदना मेमोरियल वेलफेयर सोसाइटी पश्चिम बंगाल के नाम पर NIT स्थित एसबीआई में लगाया था लेकिन अकाउंट में बैलेंस कम होने की वजह से चेक बाउंस हो गया और अकाउंट से चेक बाउंस होने का 177 रुपये जब कटा तब स्कूल प्रबंधन को इसकी जानकारी हुई, जिसके बाद पुलिस में मामले की शिकायत की गई। फ़िलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

क्या है चेक क्लोनिंग
चेक की क्लोनिंग बिना बैंक कर्मचारियों की मदद से नहीं हो सकती है। बैंक के कर्मचारी ही ऐसा फ्रॉड करने वाले लोगों को खाताधारकों का सिग्नेचर और ब्लैंक चेक देते हैं। इस जानकारी के मिलने के बाद फ्रॉड करने के बाद बैंक में खाताधारक का फोन नंबर बदलने के लिए आवेदन करते हैं। इससे खाताधारकों को किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन करने पर मैसेज नहीं मिलता है। 

अगर आपके खाते में लाखों-करोड़ों रुपये पड़े हुए हैं, तो फिर चेक की क्लोनिंग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। चेक पर बैंक खाता संख्या, शाखा और व्यक्ति का नाम होता है। फ्रॉड करने वाला व्यक्ति चेक को स्कैन करके उसका क्लोन बना देता है और खाते से पैसा निकाल देता है। 

चेक क्लोनिंग से कैसे बचें
इन तरीकों का इस्तेमाल करते हुए आप आसानी से चेक क्लोनिंग का शिकार होने से बच सकते हैं। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप और ईमेल पर चेक की फोटो को पोस्ट न करें। 
किसी भी व्यक्ति को फोन पर अपने निजी बैंक खाते की जानकारी न दें। 
इस जानकारी में चेक नंबर, कार्ड डिटेल्स, ओटीपी और पासवर्ड तक शामिल हैं। 
अपने फोन नंबर, ई-मेल आईडी को चेक करते रहें, जिससे ट्रांजेक्शन होने पर आपको जानकारी मिलती रहे। 

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button