छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

राजनांदगांव : शिवनाथ साईस कॉलेज में राष्ट्रीय पोषण माह के तहत् परिचर्चा, रैली , जल संकट व प्रबंधन , लैंगिक संवेदनशीलता पर व्याख्यान

राजनांदगांव – शासकीय शिवनाथ विज्ञान महाविद्यालय राजनांदगांव के रा.से.यो. इकाई के तत्वाधान में डॉ . सुमन सिंह बघेल संस्था प्राचार्य व डॉ . एस . आर . कन्नोज रा.से.यो अधिकारी के निर्देशन में राष्ट्र्रीय पोषण माह के तहत् विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया गया । 12 सितम्बर को महिला स्वास्थ्य पर परिचर्चा विषय पर डॉ . बघेल संस्था प्राचार्य ने कहा कि पोषण माह मनाने की शुरूआत 1975 से हुई स्वस्थ्य रहने के लिये भोजन में आवश्यक खनिजों व विटामिन्स का होना जरूरी है । डॉ . एस . आर . कन्नोजे रा . से . यो. अधिकारी ने कहा कि छ.ग. में कुपोषित बच्चों की दर अधिक है , कुपोषण से बच्चे कमजोर व प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ जाती है । डॉ . विरेन्द्र साहू परियोजना अधिकारी , डोंगरगांव मुख्य अतिथि ने कहा कि पुरुषों को महिला स्वास्थ्य के बारे में जानना जरूरी है , आधी आबादी याने महिलायें स्वस्थ्य रहेगी तभी समाज परिवार व देश स्वस्थ्य रह सकता है , अधिकत्तर महिलाओं में खून की कमी ( एनिमिया ) देखा गया है ।
13 सितम्बर को जल संकट व प्रबंधन विषय पर डॉ सुमन सिंह बघेल संस्था प्राचार्य ने कहा कि जल है तो कल है जल जीवन के लिए आवश्यक है , शुद्ध जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। डॉ . निर्मला उमरे विषय विशेषज्ञ ने कहा कि धरती का तीन भाग पानी से घिरा हुआ है , 97 प्रतिशत पानी समुद्र में खारे जल के रूप में , 2 प्रतिशत पानी बर्फ के रूप में 1 प्रतिशत पानी पेय जल के रूप में हैं , हम सोच – समझकर जल का उपयोग करना है, बून्द – बून्द जल बचाकर जल का सम्मान करें । डॉ . फुलसो राजेश पटेल विषय विशेषज्ञ कहा कि दिनोदिन हमारे तालाब, सरोवर, बांध प्रदूषित होते जा रहे हैं, प्रदूषण के मार से जीवन मुश्किल होते जा रहा है । डॉ. एस. आर. कन्नोजे रा.से.यो. अधिकारी ने कहा कि जल श्रोत हमारे वन्दनीय है , हमें व्यवहार में बदलाव लाना होगा।
14 सितम्बर को लैंगिक संवेदनशीलता विषय पर डॉ सुमन सिंह बघेल ने कहा कि समाज विकास के लिए महिला व पुरुष बराबर के भागीदार हैं । हर बच्चे को अपनी क्षमता अनुसार आगे बढऩे का अवसर मिलना चाहिए । समाज में परम्परागत रूप से महिलाओं को पुरूषों के बराबर के अधिकार नहीं मिल पाते हैं । डॉ . नागरत्ना गनवीर विषय विशेषज्ञ ने कहा कि अभी भी महिलाओं पर वर्चस्य करने हर किस्म के अत्याचार व कन्या को जन्म देने के पूर्व खत्म करने की कोशिशें होती है , दहेज प्रथा आज भी प्रचलन में है , उन्होंने महिला साक्षरता पर जोर दिया व समाज में सकारात्मक सोच व जागरूकता की आवश्यकता बताया । डॉ. एस. आर. कन्नोज रा. से. यो. अधिकारी ने कहा कि समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान व बराबरी की भावना रखना आवश्यक है। इस अवसर पर महाविद्यालय के अधिकारी / कर्मचारी व अधिक संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे ।

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