धनतेरस पर बाजार में बूम, आज शाम को शुभ मुहूर्त में करें माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर पूजा
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त रविवार को शाम 5:43 बजे से शाम 6:04 बजे तक है। कुल अवधि 21 मिनट की। प्रदोष काल शाम 5:44 बजे से 8:16 बजे तक है। वृषभ काल शाम 6:58 बजे से रात 8:54 बजे तक है।
धनतेरस और दिवाली की खरीदारी के लिए बाजार खरीदारों से पटे हैं। सराफा, बर्तन, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक और ऑटो मोबाइल बाजार में ग्राहकों की भीड़ पहुंच रही है। कोविड के दो साल बाद बाजार को मिले बूम का लोग पूरा लाभ उठा रहे हैं। खासतौर पर रविवार और सोमवार के दिन बाजार के पूरी तरह से पैक रहने की उम्मीद है। धनतेरस पर विशेषतौर पर बर्तन और सराफा बाजार में भीड़ उमड़ी है।
धनतेरस आज शाम 6.04 बजे तक
कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी को धनतेरस पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 अक्तूबर शाम 6.03 बजे से शुरू है, जो 23 अक्तूबर शाम 6.04 मिनट पर समाप्त होगी। सूर्योदय व्यापिनी कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि रविवार को होगी, इसलिए इस वर्ष धनतेरस का पर्व 23 अक्तूबर को ही मनाया जाएगा। हालांकि शनिवार को भी लोगों ने खरीदारी की। बाजारों में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। लोगों ने बर्तन सहित अन्य सामान की खरीदारी की। रविवार को भी खरीदारी होगी। ब्यूरो
धनतेरस पर पूजन का शुभ मुहूर्त 21 मिनट
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त रविवार को शाम 5:43 बजे से शाम 6:04 बजे तक है। कुल अवधि 21 मिनट की। प्रदोष काल शाम 5:44 बजे से 8:16 बजे तक है। वृषभ काल शाम 6:58 बजे से रात 8:54 बजे तक है। प्रॉपर्टी, आभूषण, सोना, चांदी, बर्तन, दोपहिया व चारपहिया वाहन, निवेश करने और नए उद्योग की शुरुआत इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के लिए उत्तम मुहूर्त सुबह 7:08 से 09: 16 बजे तक है। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:42 से 12:27 बजे तक। दोपहर 01:05 से 02:29 बजे तक। दोपहर 2:45 से 5:30 बजे तक। शाम 5:32 बजे से रात 6:04 बजे तक। शेयर आदि की खरीद-फरोख्त शुभ मुहूर्त रविवार सुबह 3:46 बजे से सुबह 6 बजे तक करें।
दिवाली, नरक चतुर्दशी सोमवार को
दिवाली का त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। दिवाली पर शुभ मुहूर्त और सही विधि से पूजा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। पंडित विद्यासागर शास्त्री ने कहा कि इस वर्ष दिवाली और नरक चतुर्दशी का त्योहार 24 अक्तूबर को एक ही दिन है।
दिवाली अमावस्या तिथि की रात और लक्ष्मी पूजन अमावस्या की शाम को होती है, क्योंकि अमावस्या तिथि 25 अक्टूबर शाम 4.19 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए दिवाली का पर्व एवं नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) 24 अक्तूबर को एक ही दिन मनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि दिवाली पर स्थिर लगन में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 6:53 से 8:48 बजे तक है।