कर्ज से दबे पिता ने दो पुत्रों के साथ अत्महत्या का किया प्रयास, छोटे पुत्र की मौत, आरोपी गिरफ्तार
युवक की पत्नी ने निजी कंपनी से डेढ़ लाख रुपये का कर्ज दो माह पूर्व लिया था और पैसे लेकर दिल्ली भाग गई थी। इसके बाद कर्ज की वसूली का दबाव युवक झेल रहा था। मामले में पुलिस ने पुत्र की हत्या के आरोप में युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
सरगुजा जिले के बतौली थाना क्षेत्र में कर्ज के बोझ से परेशान युवक ने अपने दो पुत्रों की हत्या कर स्वयं जान देने की योजना बनाई। इसके बाद वह छोटे पुत्र की हत्या कर स्वयं फांसी पर झूल गया। फांसी का फंदा टूट जाने से वह बच गया। छोटे पुत्र की हत्या कर शव छिपाने के बाद वह बड़े पुत्र को लेने घर गया तो परिजनों ने उसे देख लिया तो वह भाग गया।
पुलिस के अनुसार युवक की पत्नी ने निजी कंपनी से डेढ़ लाख रुपये का कर्ज दो माह पूर्व लिया था और पैसे लेकर दिल्ली भाग गई थी। इसके बाद कर्ज की वसूली का दबाव युवक झेल रहा था। मामले में पुलिस ने पुत्र की हत्या के आरोप में युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
बतौली थाना प्रभारी प्रमोद पांडेय ने बताया कि बांसाझाल निवासी रंजन खलखो की पत्नी सरिता भगत ने जशपुर जिले के बगीचा स्थित एक प्राइवेट कंपनी से लोन लिया था। वह लोन की रकम अदा नहीं कर सकी थी और दो महीने पूर्व वह दिल्ली भाग गई। इधर कंपनी से रंजन खलखो पर लोन की रकम की अदायगी के लिए लगातार फोन कर लगातार दबाव बढ़ाया।
लोन की रकम अदा करने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे और वह लगातार दबाव से परेशान हो गया था। इससे परेशान होकर रंजन ने दोनों पुत्रों के साथ फांसी लगाने की योजना बनाई। तीन नवंबर की रात वह छोटे पुत्र आजाद खलखो डेढ़ वर्ष को लेकर जंगल चला गया। पहले पिता ने रस्सी से पेड़ के सहारे आजाद को फांसी पर लटकाया, इसके बाद में खुद भी फांसी पर झूल गया, लेकिन रंजन द्वारा फांसी लगाने पर उसकी रस्सी टूट गई और वह बच गया। तब तक उसके पुत्र आजाद की मौत हो चुकी थी। रंजन ने गिरने के बाद बड़े लड़के को भी लाने के योजना बनाई और वह घर की ओर चल पड़ा। रात करीब दो बजे वह घर पहुंचा।
जीजा ने देखा तो भाग निकला
थानेदार प्रमोद पांडेय ने बताया कि तीन नवंबर को रंजन खलखो का जीजा बेलजोरा सीतापुर निवासी विजय लकड़ा उसके घर मेहमानी करने आया था। रात करीब दो बजे वह लघुशंका के लिए बाहर निकला था तो उसने साले रंजन खलखो को खेत की ओर से आता देखा। उसने रंजन से पूछताछ की तो वह भाग निकला। विजय खलखो ने उनके कमरे में जाकर देखा तो कमरे में रंजन का छोटा पुत्र आजाद नहीं था और बड़ा पुत्र अनमोल बिस्तर पर सो रहा था। उसने ससुराल के अन्य सदस्यों को इसकी सूचना दी।
झाड़ियों में मिला बच्चे का शव, जंगल में छिपा मिला आरोपी
परिजनों ने रंजन के भाग जाने के बाद पिता-पुत्र की खोजबीन की तो आजाद खलखो का शव जंगल में नाले में झाड़ियों के बीच मिला। इसकी सूचना बतौली पुलिस को दी गई। बतौली पुलिस ने रंजन खलखो की खोजबीन की तो वह जंगल में छिपा हुआ मिल गया। आरोपी ने बताया कि जीजा को देखकर वह वापस भागकर जंगल पहुंच गया था और पुत्र आजाद के शव को फांसी से उतारकर झाड़ियों में छिपा दिया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 302 और 201 के तहत कार्रवाई की है।
कर्ज ने तबाह कर दिया परिवार
पिता द्वारा पुत्र की हत्या कर दिए जाने के बाद वह गिरफ्तार हो चुका है। युवक का बड़ा पुत्र मां के भाग जाने के बाद परिजनों की देखरेख में है। कर्ज की वजह से एक भरा पूरा परिवार तबाह हो गया है। परिजनों के अनुसार लोन लेने की योजना सरिता ने ही बनाई थी और वह लोन की रकम लेकर वह भाग गई। रंजन खलखो खेती-बाड़ी कर जीवन-यापन करता था। उसके लिए यह रकम चुका पाना लगभग असंभव था, इसलिए उसने दोनों पुत्रों के साथ स्वयं आत्महत्या करने का निर्णय लिया था।