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बलरामपुर : स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने प्रशासनिक टोली पहुंची गौर-लाटा

बलरामपुर कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. ने कहा: स्थानीय निवासियों को रोजगार के नए संसाधन प्राप्त हो, इस दृष्टिकोण से गौर-लाटा को विकसित करने बनाई जाएगी कार्ययोजनाछत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी के रूप में है विख्यात गौर-लाटाबलरामपुर 14 नवम्बर 2022बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने नित नए प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि जिले के ऐसे स्थलों को एक नई पहचान मिल सके, इसके साथ ही स्थानीय लोगों के लिये रोजगार के नए साधन विकसित किये जा सकें।इसी क्रम में जिले के कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. अपने प्रशासनिक टीम सहित सामरी तहसील क्षेत्रान्तर्गत छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौर-लाटा की पहाड़ी पर पहुंचे एवं चोटी तक पैदल चलकर गौर-लाटा पर भविष्य में पर्यटन के दृष्टिकोण से विकास की संभावनाओं को परखते हुये आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।गौर-लाटा पहाड़ी के पैदल चढ़ाई के दौरान स्थानीय सरपंच तथा ग्रामवासी भी उपस्थित रहे जो रास्ते मे समय-समय पर गौर-लाटा के विषय मे प्रचलित कथाओ के सम्बंध में अवगत कराते रहे। कलेक्टर श्री विजय दयाराम ने ग्रामीणों से भी स्थानीय विकास की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा करते हुआ कहा की यह बहुत ही गर्व का विषय है, कि जिस तरह से हमारा बलरामपुर-रामानुजगंज जिला छत्तीसगढ़ के सिरमौर में स्थित है, ठीक उसी प्रकार गौर-लाटा छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी के रूप में प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा की गौर-लाटा को बलरामपुर के गर्व के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए संसाधन  प्राप्त हो सकेंगे।  36 मॉउन्टेन तथा जोश वेलफेयर की 40 सदस्यीय टीम गौर लाटा सहित ,अन्य दार्शनिक स्थलों में करेगी कैम्पेनिंगकलेक्टर श्री विजय दयाराम ने बताया कि 18 से 20 नवम्बर को छत्तीसगढ़ की 36 मॉउन्टेन एवं जोश वेलफेयर फाउंडेशन सोसाइटी की 40 सदस्यीय टीम के द्वारा बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर कैम्प करेगी, इस दौरान टीम के द्वारा गौर-लाटा में ट्रैकिंग की जाएगी, इसके अलावा डीपाडीह, तातापानी, वनवाटिका में भी कैम्प कर स्थानीय संस्कृति एवं परम्पराओं को जानने का प्रयास करेगी।04 वर्षीय मास्टर विहान ने पैदल चलकर पूरी की ट्रैकिंगगौर-लाटा भ्रमण के दौरान कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. ने अपने परिवार सहित ट्रैकिंग की तथा उनके 04 वर्षीय पुत्र विहान ने खुद पैदल चलकर गौर-लाटा की ट्रैकिंग पूरी की।

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