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कोपरा:-एक हफ्ते में दो किसानों के फसलों में लगी आग, मुआवजे की मांग

कौंदकेरा निवासी नारायण भारती के 90 डिसमिल खेत में 11 केवी का तार गिरने से खड़ी फसल में आग लग गई। जिससे फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। हादसे के बाद नारायण भारती ने तुरंत बिजली विभाग को सूचना दी, लेकिन बिजली कार्यालय में अभियंता न होने से फोन के माध्यम से इस घटना की जानकारी दी गई। उसके बाद जिम्मेदार अधिकारी नहीं है कहकर राजस्व विभाग के पटवारी को सूचना देने की बात कहकर अपना पल्ला दिया।कोपरा. क्षेत्र के ग्राम पंचायत कौंदकेरा में एक हफ्ते में दो अलग-अलग जगह पर धान के खेतों में आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं। जिससे किसानों को बहुत नुकसान झेलना पड़ रहा है। जिन किसानों के खेतों में आगजनी हुई है, वे गरीब हैं। जो कर्ज लेकर थोड़ी सी पुश्तैनी खेती के साथ अपना गुजर-बसर करते आ रहे हंंै। प्रभावित किसान मुआवजा प्रकरण के लिए पटवारी के चक्कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा है।मिली जानकारी के अनुसार कौंदकेरा निवासी नारायण भारती के 90 डिसमिल खेत में 11 केवी का तार गिरने से खड़ी फसल में आग लग गई। जिससे फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। हादसे के बाद नारायण भारती ने तुरंत बिजली विभाग को सूचना दी, लेकिन बिजली कार्यालय में अभियंता न होने से फोन के माध्यम से इस घटना की जानकारी दी गई। उसके बाद जिम्मेदार अधिकारी नहीं है कहकर राजस्व विभाग के पटवारी को सूचना देने की बात कहकर अपना पल्ला दिया। प्रभावित किसान को पटवारी के चक्कर काटते-काटते एक हफ्ता हो गया। लेकिन किसी ने मुआयना करने कोई अब तक नहीं पहुंचा है।दूसरा मामला भी कौंदकेरा का ही है। किसान कृष्णा मंडल ने धान की कटाई के बाद खेत में सुरक्षित रखा था। जिसे किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा रविवार रात को आग लगाकर राख कर दिया। अब गरीब किसान कृष्णा मंडल के ऊपर कर्ज की चिंता बढ़ गई है। कृष्णा मंडल ने बताया कि 75 डिसमिल जमीन की फसल को किसी अनजान व्यक्ति के द्वारा दुश्मनीवश आग के हवाले कर दिया गया है। उसके बाद वह पटवारी के चक्कर काट रहा है।ग्राम पंचायत कौंदकेरा में पदस्थ पटवारी ने अपना स्थांतरण कहीं और करवा चुका है। जिसे लगभग 15 दिनों से ज्यादा हो चुका। लेकिन अब तक नए पटवारी ने पदभार ग्रहण नहीं किया है। जिससे किसानों को परेशानी से गुजरना पड़ रहा है। किसानों ने सर्वे कर तत्काल मुआवजा देन की मांग प्रशासन से की है।———-सालभर नहीं टिकी नवनिर्मित सडक़, रात के किया था डामरीकरणविभाग के बड़े अधिकारी वर्षों से जमे हुए हैंछुरा। भ्रष्टाचार के गढ़ कहे जाने वाले गरियाबंद के छुरा ब्लॉक हमेशा सुर्खियों मे बना रहता है। प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत ब्लाक में निर्मित सडक़, पुल-पुलिया का हाल बेहाल है। सालभर पूर्व माड़वाडीही से छुरा के लिए लगभग 11 किलोमीटर तक बनी गुणवत्ताहीन सडक़ अब उखडऩे लगी है। इस सडक़ पर डामरीकरण रात के अंधेरे में बिना इंजीनियर की देखरेख किया गया है। विभाग के कई अधिकारी-कर्मचारी वर्षों से यहां जमे हैं। 19 नवम्बर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दौरा कार्यक्रम है। ग्रामीण इसकी शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं।—-उस सडक़ पर एडीवी वाले मुरुम दुलाई करा रहे थे। हम लोगों ने उसकी शिकायत अपने अधिकारी और उनके ठेकेदार से की है। ठेकेदार ने सडक़ को बना कर देने की बात कही है। हमने भारी वाहन ना गुजरे उसके लिए बैरियर भी लगाया था, पर उसे एडीवी वाले निकल कर फेंक दिए थे।- डीके वैद, इंजीनियर प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना, छुरा—-माड़वाडीही वाली सडक़ कम क्षमता वाली गाडिय़ों के आने-जाने के हिसाब से बनी है। वहां एडीवी वाले सडक़ ठेकेदारों ने अपने हाइवा से मुरुम सप्लाई किया है। उससे सडक़ टूट गई है, जिसे वे लोग रिपेयरिंग कर देंगे।- अभिषेक पाटकर, एसडीओ, ग्राम सडक़ योजनाएक हफ्ते में दो किसानों के फसलों में लगी आग, मुआवजे की मांग

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