छत्तीसगढ़दन्तेवाड़ा जिला (दक्षिण बस्तर)

दंतेवाड़ा : बदलता दंतेवाड़ाः नई तस्वीर : आदिवासी अंचलों में आवर्ती चराई केंद्रों से ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण का मिला मार्ग

ग्रामीण विकास में दिख रही है महिलाओं की भागीदारी दंतेवाड़ा,छत्तीसगढ़ राज्य में कृषि, अधिकांश क्षेत्रों में लोगों के लिए आजीविका का महत्वपूर्ण स्त्रोत है।बदलते समय के साथ व्यावसायिक विकल्प होने पर भी आज कई लोग पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी आय के लिए खेती पर ही निर्भर है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने किसानों और ग्रामीणों की आय में बढ़ोतरी के लिए विभिन्न योजनाओं को शुरू किया है। इन्ही योजनाओं में से एक है आवर्ती चराई योजना। इस योजना में वन विभाग  द्वारा गौठान के माध्यम से गांव के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। अब पशुपालक, ग्रामीण महिलाओं को अब जमीनी स्तर में लाभ मिलना शुरू हो गया है। इसी तरह जिले में भी छत्तीसगढ़ सरकार की आवर्ती चराई योजना के कार्यक्रम अंतर्गत गौठान में पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के कार्य किये जा रहे है। वन विभाग के द्वारा जिले में कुल 30 आवर्ती चराई केन्द्र संचालित है। जहाँ  गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर क्रय किया जा रहा है। साथ ही गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद का निर्माण भी किया जा रहा है। दंतेवाड़ा विकासखण्ड अंतर्गत कुम्हाररास ग्राम पंचायत में आवर्ती चराई केन्द्र संचालित है। वहां कार्यरत सरस्वती महिला स्व सहायता समूह की दीदियां बताती हैं कि उनके द्वारा गौठानों में संचालित आयमूलक गतिविधियों से अच्छी राशि अर्जित कर रही है। इस समूह में 13 से 15 दीदियां काम कर रही हैं। वे बताती हैं कि अब वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन कर 65 से 70 हज़ार रुपए का आय अर्जित कर चुकी है। साथ ही निर्मित खाद से ही गौठान में सब्जी का उत्पादन कर 7 से 10 हज़ार रुपए का लाभ ले चुकी है। आवर्ती चराई केंद्रों में अन्य गतिविधियां कर दीदियां आय प्राप्त कर रही है। आवर्ती चराई केन्द्र के अतंर्गत पशुओं के लिए चारा ,पानी  उपलब्ध कराया जा रहा है साथ ही छायादार आश्रय निर्मित किया गया है। फलस्वरूप यहां के पशुपालकों और महिलाओं को सीधा लाभ मिल रहा है। गांव के पशुपालक अपने मवेशियों को चराई केंद्र में लाते हैं, जिससे वे निश्चिंत होकर कृषि कार्यों में अपना समय लगा पाते हैं। स्वसहायता समूह की महिलाएं एकता और आत्मविश्वास से स्वावलंबन के दिशा में बढ़ते हुए उन्नति की ओर अग्रसर हो रही हैं साथ ही क्षेत्र के ग्रामीणों को रोजगार के नए साधन उपलब्ध होने से आर्थिक विकास में उन्नति भी सुनिश्चित हुई है।

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button