रायगढ जिला

रायगढ़:-रेप पीड़िता को मिला इंसाफ, दुष्कर्मी को आजीवन कारावास और 25 हजार अर्थदंड की सजा

युवक पर आरोप सिद्ध होने पर उसे धारा 376 (2) (के) के अपराध में 20 वर्ष की सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए तथा दूसरे धाराओं में 10 साल की की सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए। वहीं धारा 506 के अपराध में एक वर्ष की सश्रम करावास एवं दो हजार रुपए के अर्थदंड की सजा दी। रायगढ़. जिला न्यायालय ने युवक पर दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर उसे आजीवन कारावास व 25 हजार से रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार धरमजयगढ़ के रैरुमा खुर्द चौकी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सकरलिया निवासी विद्याधर यादव पिता राजकुमार यादव विगत 17 जनवरी 2016 से एक युवती से मोबाइल पर बात करता था। इस बीच कुछ दिनों तक बात होने के बाद उसको शादी का झांसा देते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया और उसके बाद इन दोनों का लगातार मिलना-जुलना शुरू हो गया।बीच युवती गर्भवती हुई तो उस पर दबाव बनाते हुए गर्भपात करा दिया। ऐसे में युवती लगातार उसे शादी करने की बात कहती रही, लेकिन युवक यह बोलकर टालने लगा कि तुम्हारा जाति अलग है। इससे शादी नहीं हो सकती है। ऐसे में युवती ने रैरूमा खुर्द चौकी में शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 तथा अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया। शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी एक्ट) जितेंद्र कुमार जैन ने मामले को सुनवाई करते हुए आरोपी को दोषी पाया। इस दौरान आरोपी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आरोपी का यह प्रथम अपराध है। साथ ही उसी पर उसका परिवार आश्रित है और लंबे समय से अभिरक्षा में ऐसे में उसे कम से कम दंड से दंडित किया जाए। इस दौरान विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद पाया कि पीड़िता जनजातिय वर्ग की है और शादी का प्रलोभन देकर लंबे समय तक दुष्कर्म किया गया है।कठोर सजा से किया गया दंडित
युवक पर आरोप सिद्ध होने पर उसे धारा 376 (2) (के) के अपराध में 20 वर्ष की सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए तथा दूसरे धाराओं में 10 साल की की सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए। वहीं धारा 506 के अपराध में एक वर्ष की सश्रम करावास एवं दो हजार रुपए के अर्थदंड की सजा दी। वहीं अत्याचार निवारण के अपराध में छह माह की सश्रम कारावास और एक हजार रुपए के अर्थदंड के साथ एक अन्य धारा में आरोपी को आजीवन कारावास और 12 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। सभी धाराओं की सजा एक साथ चलेगी। साथ ही अर्थदंड की राशि नहीं चुकाने पर आरोपी को साढे तीन माह की अतिरिक्त सश्रम करावास भुगतना पड़ेगा

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button