क्राइमछत्तीसगढ़दुर्ग जिला

 पुलिस ने ठग गिरोह का किया पर्दाफाश, पिता-पुत्र गिरफ्तार

दुर्ग पुलिस ने बिहार के एक ऐसे ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने अब तक करोड़ों रुपये की ठगी की है। ठग गिरोह भारत के 17 राज्यों में धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दे चुके है। गिरोह के पिता-पुत्र को दुर्ग पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है। 

दुर्ग के रहने वाले राजेश कुमार तिवारी ने सुपेला थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी कि अभिषेक मित्तल और राहुल कपूर नाम के दो व्यक्तियों ने केएफसी की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर आवेदन करने के लिए वेबसाइट और ई-मेल दिया। 

अलग-अलग मोबाइल नंबरों से अलग-अलग समय पर बातचीत भी करते थे। उन्होंने केएफसी की फ्रेंचाइजी दिलाने का झांसा देकर कैनारा बैंक के अकाउंट में दो बार में कुल 9,30,500 रुपये जमा भी करवा लिए, लेकिन जब उसे केएफसी की फ्रेंचाइजी नहीं मिली तब उसे महसूस हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गया है।

इसके बाद पीड़ित राजेश तिवारी ने सुपेला थाना में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने जिन नंबरों से फोन आया था उन नंबर और वेबसाइट की जांच की। साइबर सेल की मदद से वेबसाइट की सारी डिटेल निकाली गई है। पुलिस को जांच में पता लगा कि एक ऐसा ग्रुप है जो लोगों को ठगी का शिकार बनाता है। 

केएफसी के अलावा गो डैडी, पतंजलि, हल्दीराम जैसी भारत की कई फ्लैग शिप कंपनियों की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर गिरोह ठगी किया करता था। अब तक 250 से ज्यादा कंपनियों का एक वेब पेज भी बनाया जा चुका है जिसके जरिये अब तक करोड़ों रुपये ठगे गए हैं। 

इन लोगों से पुलिस ने 16 विभिन्न कंपनियों के कीपैड एवं एंड्राइड मोबाइल फोन, टेबलेट, लैपटॉप, तीन एटीएम, एक पैन कार्ड, आधार कार्ड और पांच बैंक खातों की जमा पर्ची और वेबसाइट के एडमिन पेज के एड्रेस भी बरामद किए गए हैं। वहीं 4,76,150 रुपये नगद बरामद किए गए हैं। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने अब तक पांच करोड़ से ज्यादा की ठगी की है। इस पूरे मामले पर पुलिस अब खोजबीन कर रही है। 

ढेरों कंपनियों की फर्जी वेबसाइट

आरोपितों ने इंडियन आयल, जौकी, क्विक कार फाइनेंस, वाव मोमो, मैक्डोनाल्ड्स, डोमिनाज, केएफसी, हल्दीराम, पतंजलि, चाय सुट्टा बार, अपोलो टायर, ओकिनावा, बजाज, किया मोटर्स, एमजी हैक्टर, एथर बाइक डीलर, हीरो इलेक्ट्रिक और पवन हंस जैसी ढेरों कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बना रखी थी और उसके माध्यम से ठगी करते थे। इनके वेबसाइट पर यदि कोई व्यक्ति संपर्क करता तो आरोपित उसे अपना शिकार बनाते थे। आरोपितों ने ठगी के लिए 700 से अधिक फर्जी सिम और की पैड वाले मोबाइल खरीदे थे। साथ ही लोगों से किराये पर खाता लेते थे और उसमें ठगी के रुपये जमा करवाते थे।

advertisement
advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button