पंजाब में जहरीली शराब पीने से मौत, मिथाइल अल्कोहल में ओक्सीटोसिन मिलाकर बेचे जाने की आशंका

पंजाब- सामान्य शराब एथाइल अल्कोहल होती है जबकि जहरीली शराब मिथाइल अल्कोहल कहलाती है। मेडिकल साइंस कहती है कि कोई भी अल्कोहल शरीर में लीवर के जरिए एल्डिहाइड में बदल जाती है लेकिन मिथाइल अल्कोहल फॉर्मेल्डाइड नामक जहर में बदल जाती है। ये जहर सबसे ज्यादा आंखों पर असर करता है। अंधापन इसका पहला लक्षण है। अगर किसी ने बहुत ज्यादा शराब पी ली है तो इससे फॉर्मिक एसिड नाम का जहरीला पदार्थ शरीर में बनने लगता है। ये दिमाग के काम करने की प्रक्रिया पर असर डालता है।
आशंका है कि अमृतसर, तरनतारन व बटाला में जहरीली शराब मिथाइल अल्कोहल थी और इसको अधिक नशीला बनाने के लिए इसमें भैंस को दूध के लिए देने वाले इंजेक्शन ओक्सीटोसीन मिलाए हो सकते हैं। हालांकि सारी तस्वीर मृतकों की विसरा की फोरेंसिक जांच में साफ होगी लेकिन इतना तय है कि देसी शराब मिथाइल अल्कोहल थी। ऐसा भी नहीं है कि देसी शराब बनाने, बेचने और पिलाने का धंधा नया है और देसी शराब के कारोबार में जहर का कहर पहली बार टूटा है। जालंधर व लुधियाना के अलावा ब्यास दरिया के आसपास तस्करों ने अवैध शराब की भट्ठियां तैयार कर रखी हैं। देसी शराब जिसे आम बोलचाल की भाषा में कच्ची दारू भी कहते हैं, का रासायनिक सच बहुत ही साधारण सा है। कच्ची शराब को अधिक नशीली बनाने के चक्कर में ही ये जहरीली हो जाती हैं।