मध्य प्रदेश में कांग्रेस की चौथी लिस्ट में 12 नाम, पार्टी ने इन चेहरों पर जताया भरोसा

भोपाल

कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने बची हुई 18 सीटों में से 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर लिए हैं। गुना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव उम्मीदवार हो सकते हैं। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजगढ़ में भाजपा सांसद रोडमल नागर के सामने चुनौती पेश कर सकते हैं। 2019 में दिग्विजय सिंह ने भोपाल से चुनाव लड़ा था, जहां साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने उन्हें शिकस्त दी थी। दिग्विजय इस समय राज्यसभा सदस्य हैं। 

सूत्रों के हवाले से दिग्विजय सिंह के साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया और अरुण यादव भी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। यादव को गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने उतारे जाने की अटकलें हैं। इसी तरह उनकी पारंपरिक सीट खंडवा से भी वह चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं, कांतिलाल भूरिया झाबुआ-रतलाम सीट से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। कुछ और विधायकों को पार्टी चुनाव मैदान में उतार सकती है। 

कांग्रेस ने इससे पहले 12 मार्च को दस उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे। भिंड से फूलसिंह बरैया, टीकमगढ़ में से पंकज अहिरवार, सतना से सिद्धार्थ कुशवाहा, सीधी से कमलेश्वर पटेल, मंडला से ओंकारसिंह मरकाम, छिंदवाड़ा से नकुल नाथ, देवास से राजेंद्र मालवीय, धार से राधेश्याम मुवेल, खरगोन से पोरलाल खरते और बैतूल से रामू टेकाम को उम्मीदवार बनाया है। दूसरी ओर भाजपा ने सभी 29 सीटों के लिए अपने प्रत्याशी पहले ही घोषित कर दिए हैं।  

कांग्रेस ने राजगढ़ से दिग्विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है. यह उनकी परंपरागत सीट है. दिग्विजय सिंह 2 बार राजगढ़ से लोकसभा सांसद रह चुके हैं. राजगढ़ से दिग्विजय सिंह 1984 और 1991 में लोकसभा सांसद चुने जा चुके हैं. साल 1993 में दिग्विजय सिंह जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए तो फिर 1994 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ और दिग्विजय के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह यहां से सांसद बने.

हालांकि, बाद में उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ली और 2004 का लोकसभा चुनाव जीता लेकिन 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी नारायण सिंह से हार का मुंह देखना पड़ा. नारायण सिंह को दिग्विजय सिंह का करीबी माना जाता है. साल 2014 और 2019 में बीजेपी के रोडमल नागर ने यहां से लगातार दो बार जीत दर्ज की है और इस बार भी बीजेपी ने उन्हें उम्मीदवार घोषित किया है. दिग्विजय सिंह का नाम घोषित होने के बाद राजगढ़ सीट पर मुकाबला रोमांचक होने के आसार है.  

रतलाम से कांतिलाल भूरिया

रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट से कांग्रेस ने कांतिलाल भूरिया को प्रत्याशी घोषित किया है. भूरिया पहले भी इस सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. भूरिया एक बड़ा आदिवासी चेहरा हैं. वैसे भी रतलाम संसदीय सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है लेकिन मोदी लहर में 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों ने यहां स जीत दर्ज की है. अब भूरिया को प्रत्याशी बनाकर कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि बीजेपी के विजयी रथ को रोकने के लिए उसके दिग्गज नेता भी मैदान में रहेंगे.

मध्य प्रदेश में किसके सामने कौन
संसदीय सीटभाजपा उम्मीदवारकांग्रेस उम्मीदवार
मुरैनाशिवमंगल सिंह तोमर 
भिंड संध्या रायफूलसिंह बरैया
ग्वालियरभारत सिंह कुशवाहा 
गुनाज्योतिरादित्य सिंधिया 
सागरलता वानखेड़े 
टीकमगढ़वीरेंद्र खटीकपंकज अहिरवार
दमोहराहुल लोधी 
खजुराहोवीडी शर्मा 
सतनागणेश सिंहसिद्धार्थ कुशवाहा
 रीवाजनार्दन मिश्रा 
 सीधीडॉ. राजेश मिश्राकमलेश्वर सिंह
शहडोलहिमाद्री सिंह 
जबलपुरआशीष दुबे 
मंडलाफग्गनसिंह कुलस्तेओमकार सिंह मरकाम
बालाघाटडॉ. भारती पारदी 
छिंदवाड़ाविवेक बंटी साहूनकुल नाथ
होशंगाबाददर्शन सिंह चौधरी 
विदिशाशिवराज सिंह चौहान 
भोपालआलोक शर्मा 
राजगढ़रोडमल नागर 
देवासमहेंद्र सिंह सोलंकीराजेंद्र मालवीय
उज्जैनअनिल फिरोजिया 
मंदसौरसुधीर गुप्ता 
रतलामअनिता नागरसिंह चौहान 
धारसावित्री ठाकुरराधेश्याम मुवेल
इंदौरशंकर लालवानी 
खरगोनगजेंद्र पटेलपोरलाल खरते
खंडवाज्ञानेश्वर पाटिल 
बैतूलदुर्गादास उइकेरामू टेकाम

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