103 साल की दादी की मौत पर मना उत्सव, गाजे-बाजे के साथ निकली अंतिम यात्रा

दमोह
दमोह जिले के बटियागढ़ ब्लॉक के मंगोला गांव में 103 वर्ष की आयु में बुजुर्ग महिला के निधन होने पर परिजनों ने अनोखे अंदाज में अंतिम यात्रा निकाली। उसे देख लोग भी अचरज में पड़ गए। बुजुर्ग के शतायु होने पर परिजनों ने यह फैसला लिया था। इस प्रकार की शव यात्रा ने भगवत् गीता में भगवान श्री कृष्ण के उस वाक्य को दर्शाया है कि मृत्यु अंत नहीं, बल्कि यह एक महोत्सव है। मृत्यु से घबराना नहीं चाहिए।

103 वर्ष की आयु में हुआ निधन
बटियागढ़ ब्लॉक के ग्राम मंगोला निवासी सियारानी साहू ने मंगलवार शाम 103 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। इसके बाद परिजनों ने उनकी अंतिम यात्रा अनोखे अंदाज में निकाली। परिजनों ने बुजुर्ग के जीवन की अंतिम यात्रा को यादगार और भव्य बनाते हुए उन्हें बरात के रूप में बैंड-बाजे के साथ विदाई दी। हटा नगर निवासी राष्ट्रीय तेली पिछड़ा वैश्य महासभा के प्रदेश अध्यक्ष हरिशंकर साहू की दादी सियारानी साहू अपने पीछे नाती, पोती सहित भरा-पूरा परिवार छोड़कर गई है। वह ग्राम मंगोला में सबसे वयोवृद्ध महिला थी। 103 वर्ष की आयु में निधन होने पर परिजनों ने दादी की अंतिम शव यात्रा को यादगार बनाने के लिए बैंड- बाजा बुलाया। परिजनों ने ग्राम मंगोला के मुक्तिधाम में मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *