छत्तीसगढ़

CG : दवाईयों की गुणवत्ता जांच के लिए मेडिकल स्टोर से प्रयोगशाला भेजा गया सैंपल

कोण्डागांव । खाद्य-औषधि प्रशासन के द्वारा दवाईयों की गुणवत्ता जांच एवं क्रय-विक्रय दस्तावेजों के नियमानुसार संधारण हेतु मेडिकल स्टोर में लगातार निरीक्षण किया जा रहा है। कलेक्टर कुणाल दुदावत के निर्देशानुसार एवं उपसंचालक खाद्य एवं औषधि प्रशासन डॉ0 आरके सिंह के मार्गदर्शन में औषधि विभाग ने केशकाल में संचालित मेडिकल स्टोर्स का औचक निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण के दौरान शेड्यूल एच 1 एवं नार्काेटिक दवाईयों के खरीदी-बिक्री दस्तावेजों का जांच किया गया। सभी मेडिकल स्टोर के संचालकों को दस्तावेजों का नियमानुसार संधारण करने हेतु निर्देशित किया गया।

जांच के दौरान महाराज मेडिकल स्टोर से दवाईयों की गुणवत्ता जांच के लिये संदेह के आधार पर जियोडॉल पी डीएस नामक दवाई को राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला रायपुर भेजा गया। जियोडॉल पी डीएस एक कॉम्बिनेशन दवा है, जो मुख्य रूप से एक दर्द निवारक और बुखार में काम आती है साथ ही दो दवाईयों जोकोन 50 डीटी एवं इंट्रानेक 200 को ओवरप्राईज के तहत राज्य के प्राईज मॉनिटरिंग रिसोर्स यूनिट में अग्रिम कार्यवाही के लिये भेजा गया है। औषधि निरीक्षक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिले में संचालित सभी मेडिकल स्टोर्स का नियमित निरीक्षण के दौरान समय-समय पर दवाईयों के गुणवत्ता जांच हेतु औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, रायपुर भेजा जाता है। औषधि विभाग द्वारा सभी मेडिकल संचालकों को दवाईयों से संबंधित समस्त दस्तावेजों को नियमानुसार संधारित करने एवं मानक दवाईयों की ही बिक्री करने के निर्देश दिये गये है।

वहीं अन्य जांच में बहीगांव के संतोष मेडिकोज का औषधि लायसेंस निलंबित किया गया है। निरीक्षण के दौरान शेड्यूल एच 1 एवं अन्य दवाईयों के खरीदी-बिक्री दस्तावेजों का जाँच किया गया। जांच में औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन सामाग्री अधिनियम 1940 एवं नियमावली 1945 के तहत् अनियमितताएँ पायी गई थी। जिसके लिये फर्म के संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया था। जवाब संतोषप्रद न होने पर औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी ने इस कृत्य को गंभीर लापरवाही मानते हुए फर्म संतोष मेडिकोज का ड्रग लायसेंस 07 दिवस के लिए निलंबित किया है। औषधि विभाग द्वारा सभी मेडिकल संचालकों को दवाईयों के क्रय-विक्रय दस्तावेजों एवं शेड्यूल एच 1 रजिस्टर का नियमानुसार संधारण एवं नार्काेटिक दवाई, एमटीपी किट जैसे दवाईयों को पंजीकृत डॉक्टर के प्रिस्कीप्सन के बिना विक्रय न किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।

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