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छत्तीसगढ़बिलासपुर जिला

CG : किसान की बेशकीमती जमीन हड़पने की साज़िश, कलेक्टर से शिकायत

बिलासपुर। बोदरी तहसील क्षेत्र अंतर्गत प.ह.न-10 खम्हारडीह ग्राम रा.नि.मं बिल्हा के कई किसानों की जमीन वर्ष 2009 और वर्ष 2012 में एनएच और पीडब्ल्यूडी ने सड़क के लिए अधिग्रहण की है। इस दौरान किसानों के जमीन का जितना रकबा सड़क पर गया है उससे कही अधिक रकबा को राजस्व रिकार्ड के अभिलेखों से विलोपित करके किसानों के साथ अत्याचार किया गया है और किसानों को मनमुताबिक मुआवज़ा राशि बांटकर सरकार को आर्थिक हानि पहुचाई गई है। जिसका भुगतान आज जाकर किसानो को चुकाना पड़ रहा है।

दरअसल पटवारी/पहन 10 ग्राम खम्हारडीह रा.नि. मं बिल्हा तहसील बोदरी खसरा क्रमांक 106/2 रामानुज यादव परिवार के सम्मिलित खाता से पीडब्ल्यूडी सड़क निर्माण में भू-अर्जन के दौरान कुल 50 डिसमिल रकबा मौके में अर्जित किया गया है लेकिन अभिलेखों से 90 डिसमिल रकबा विलोपित किया गया है वही एनएच में भी भू-अर्जन के दौरान अधिकारियों ने बड़ी लापरवाही बरती है। मौके से 12.5 डिसमिल रकबा एनएच सड़क पर अर्जित है लेकिन अभिलेखों से 45 डिसमिल रकबा काटा गया है। अधिकारियों की इस लापरवाही के चलते यादव परिवार के इस जमीन का 1 एकड़ 28 डिसमिल रकबा राजस्व रिकार्ड से विलोपित हो गया है।

पीड़ित किसान रामानुज यादव ने बताया कि खसरा क्रमांक 106/2 हमारी पैतृक संपत्ति है जिस पर हमारा परिवार अंग्रेजो के शासनकाल से काबिज़ चले आ रहा है। खेतीबाड़ी करके अपना और परिवार का भरण पोषण करते है। जब पीडब्ल्यूडी और एनएच की सड़क नही बनी थी तो खसरा क्रमांक 106/2 में कुल रकबा 1 एकड़ 62 डिसमिल मौजूद थी सड़क बनने के बाद हम लोग अपनी बचत जमीन पर बोते खाते आ रहे है। लेकिन वर्तमान में सीमांकन के दौरान हमे पता चला है कि जिस जमीन पर सड़क बनने के बाद हम लोग आज भी बोते खाते आ रहे है जो जमीन सड़क से 40 मीटर की दूरी पर है उस जमीन को भी राजस्व रिकार्ड से गायब कर दिए है इसकी शिकायत हमने कलेक्टर से की है और कलेक्टर साहब से हम लोगों को न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है।

गड़बड़ी को आधार बनाकर जमीन हड़पने का प्रयास आपको बता दे एनएच से लगी जमीन का भाव बेशकीमती होने के कारण जमीनों पर भूमाफियाओं की पैनी नज़र है इसके चलते कई किसान अधिग्रहण के वक़्त राजस्व रिकार्ड में हुए गड़बड़ी का फायदा उठाकर काश्त काबिज़ चले आ रहे किसानो की जमीन को हड़पने का प्रयास कर रहे है और छोटे औदै के कर्मचारियों से सांठगांठ कर नक्शा और चौहद्दी विपरीत सीमांकन करवाकर विवाद की स्थिति निर्मित कर रहे हैं किसान रामानुज यादव के साथ भी यही हुआ। एक ही जमीन के अलग-अलग नक्शा तैयार किये गए है। जिस दीगर किसान की जमीन सड़क पर अधिग्रहण हो गई है उसके नक्शा को रामानुज यादव की जमीन के नक्शा खसरा पर बैठाने का प्रयास किया गया है। अब देखना होगा कि रामानुज यादव किसान परिवार की इस जमीन को वापस राजस्व रिकार्ड में दर्ज कराने के लिए कलेक्टर अवनीश शरण क्या कार्यवाही करते है।

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