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छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

आरोप… वनोपज बेचने जा रहे युवक को पकड़ बता दिया नक्सल सहयोगी

 राजनांदगांव /मानपुर शनिवार सुबह मानपुर पुलिस ने बुकमरका के जिस दिलीप दुग्गा को नक्सल सहयोगी बताकर गिरफ्तार किया, उसके बचाव में अब आदिवासी समाज सामने आ गया है। सोमवार को मानपुर इलाके के 170 गांव के 300 से अधिक आदिवासी मुख्यालय पहुंच गए। गोंडवाना भवन में बैठक के बाद उन्होंने राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन भी दिया। सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष सरजू टेकाम के अगुवाई में आदिवासी मानपुर पहुंचे थे। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि दिलीप की गिरफ्तारी फर्जी ढंग से की गई।

दिलीप के परिवार व आदिवासियों का पक्ष है कि दिलीप वनोपज बेचने के लिए गया था, अपने एक अन्य साथी के साथ लौट रहा था। जिसका रास्ता रोककर मानपुर पुलिस उसे पूछताछ के नाम पर थाने ले गई। जहां से सीधे उसे नक्सल सहयोग के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। परिजनों का पक्ष है कि दिलीप के पास से कोई भी बारुद या दूसरा सामान बरामद नहीं हुआ है। पुलिस ने उसे फंसाया है। परिजनों ने तहसीलदार सुरेंद्र उर्वशा को राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया।

…और सुबह से ही जुटने लगे गांव-गांव से लोग
पुलिस के खिलाफ इस प्रदर्शन की तैयारी दिलीप के गिरफ्तारी के बाद से ही शुरु हो गई थी। लेकिन इसकी भनक पुलिस को भी लग गई थी। सोमवार की सुबह मानपुर इलाके के गांवों से आदिवासी समाज के पदाधिकारियों, ग्राम प्रमुखों और युवाओं की टोली मानपुर में जुटने लगी थी। यहां सामाजिक भवन में दोपहर तक बैठक भी चली। इसके बाद राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया। बैठक में रणनीति बनाई गई है कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा।

रास्ते पर रोककर की पूछताछ, जानिए- पुलिस का आरोप और आदिवासियों का पक्ष

पुलिस: बुकमरका निवासी दिलीप दुग्गा को परदोनी में घेराबंदी कर पकड़ा गया। उसकी बाइक की जांच करने पर डेढ़ किलो बारूद, इलेक्ट्रिक वायर का बंडल, डेटोनेटर और नक्सल पर्चा मिला। पूछताछ में दिलीप ने नक्सलियों के लिए सामान पहुंचाने की बात स्वीकारी है। गढ़चिरौली पुलिस चार माह से इसकी तलाश कर रही थी।

आदिवासी: शनिवार को दिलीप वनोपज लाख कुसुम बेचने के लिए घर से निकला था। उसके साथ एक अन्य युवक भी था। पुलिस ने रास्ते में रोककर उसे कुछ पूछताछ के लिए थाने ले जाने की बात कही। साथी को घर चले जाने की बात कह दी। जब पुलिस दिलीप को साथ ले गई, उसके पास कोई भी सामान नहीं था।

मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने की मांग
सरजू टेकाम ने तहसीलदार को ज्ञापन देते हुए कहा कि मानपुर इलाके को भी पुलिस बस्तर की तरह बना रही है। यहां भी मानवाधिकार की धज्जियां उड़ाई जा रही है। उन्होंने पूरे मामले की जांच के लिए तत्काल कमेटी बनाने की मांग की है। परिजनों ने भी दिलीप को तत्काल रिहा करने की मांग की है। सरजू टेकाम ने आरोप लगाया है कि पुलिस इलाके में मनमानी करने पर उतर गई है। जिसके चलते आदिवासियों को परेशान होना पड़ रहा है।

गिनती के लोग पहुंचे, दूसरे मामले की थी बैठक: पुलिस
इधर पुलिस सूत्रों की माने तो इस प्रदर्शन में महज 30 से 40 लोग शामिल हुए हैं। पुलिस सूत्रों ने यह भी दावा किया है कि मानपुर में किसी दूसरे आयोजन को लेकर बैठक रखी गई थी। जिसमें आसपास के कुछ गांव के सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए थे। इसी दौरान कुछ पदाधिकारी दिलीप दुग्गा के पक्ष में ज्ञापन देने तहसील कार्यालय पहुंच गए।

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