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UPSC का जलवा, टॉप 10 में 3 होनहार, मिडिल क्लास परिवार के लड़कों का कमाल

संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सर्विसेज का रिजल्ट जारी कर दिया। शुक्रवार को जारी रिजल्ट में एक बार फिर बिहार के विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। टॉप 10 में से 3 होनहार शामिल है।

पटना
बिहार में सिविल सेवा का जबर्दस्त क्रेज है। UPSC के टॉप 10 में से 3 अभ्यर्थी बिहार से ही हैं। कटिहार के शुभम कुमार को पहला स्थान मिला। इसके अलावा दूसरे अभ्यर्थियों ने भी सफलता हासिल की। परीक्षा में कुल 761 उम्मीदवार पास हुए हैं, जिनमें 545 लड़के और 216 लड़कियां हैं।

कटिहार के रहनेवाले UPSC टॉपर शुभम कुमार

यूपीएससी में टॉप करने वाले शुभम कुमार की इच्छा है कि उन्हें बिहार कैडर ही दिया जाए। शुभम ने बताया कि वह चाहते हैं कि वो बिहार में रहकर विकास के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें बिहार कैडर नहीं दिया जाता है तो वे मध्य प्रदेश में काम करना पसंद करेंगे। शुभम के पिता देवानंद सिंह ने बताया कि वो शुरू से ही काफी टैलेंटेड था। पढ़ाई के प्रति लगन देखकर उन्होंने हर संभव प्रयास किया कि कोई कमी न रहे। IAS की परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप करने वाले शुभम फिलहाल इंडियन डिफेंस अकाउंट सर्विस में ट्रेनिंग कर रहे हैं। पूर्णिया से शुरुआती पढ़ाई करने वाले UPSC टॉपर शुभम कुमार ने बोकारो से 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद बॉम्बे आईआईटी से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की है। शुभम के पिता बैंक कैशियर की नौकरी करते हैं।

जमुई के प्रवीण कुमार को मिला 7वां स्थान

जमुई के रहनेवाले प्रवीण कुमार ने यूपीएससी परीक्षा में सातवां स्थान हासिल किया है। उनकी इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है। प्रवीण ने 2017 में आईआईटी कानपुर से बीटेक किया था। उसके बाद इंजीनियरिंग सर्विस की तैयारी की और 2019 में तीसरी रैंक हासिल की। फिर एक साल का गैप सिविल सर्विस एग्जाम के लिए लिया था। प्रवीण ने कहा कि उन्होंने कोई कोचिंग ज्वाइन नहीं किया। हालांकि, कई कोचिंग संस्थान के नोट्स लिए थे, लेकिन पढ़ाई खुद से की।

समस्तीपुर के सत्यम गांधी को 10वां रैक मिला

यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) के सिविल सेवा 2020 के रिजल्ट में समस्तीपुर के सत्यम कुमार गांधी ने ऑल इंडिया में 10वां रैंक हासिल किया। परिणाम के बारे में खबर सुनते ही उनके पैतृक गांव पूसा के दिघड़ा में जश्न का माहौल है। सत्यम को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। सत्यम गांधी ने राजनीतिक शास्त्र विषय से ग्रेजुएशन किया है। सत्यम के पिता अखिलेश कुमार डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में वरीय तकनीकी सहायक हैं। माता मंजू कुमारी गृहिणी हैं। सत्यम ने पूसा केंद्रीय विद्यालय से 12वीं तक की पढ़ाई की। आगे की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से की। सत्यम ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की है।

सिवान के लक्ष्मण तिवारी को 71वां रैंक

सिवान के गोरियाकोठी प्रखंड के सैदपुरा गांव में जश्न का माहौल है। इस गांव के सुरेश तिवारी के बेटे लक्ष्मण तिवारी ने यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया 71वां रैंक हासिल किया है। इसके बाद लक्ष्मण तिवारी और उनके परिजनों को हर तरफ से बधाइयां मिल रही हैं। इस दौरान गोरियाकोठी के विधायक देवेशकांत सिंह ने भी लक्ष्मण तिवारी को बधाई दी है। वर्ष 2019 में भी लक्ष्मण तिवारी ने यूपीएससी में सफलता हासिल की थी। तब 176 वां रैंक मिला था। उनका चयन आईपीएस के लिए हुआ। लेकिन मन में आईएएस बनने की कसक रह गई थी। जिसे पूरा करने के लिए वे जी-जान से जुटे रहे। अब उन्होंने अपना सपना साकार कर लिया है। लक्ष्मण तिवारी की प्रारंभिक पढ़ाई गांव से ही हुई। इसके बाद सानी बसंतपुर से उन्होंने मैट्रिक और सारण के ताजपुर से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की थी। इसके बाद स्नातक के लिए वे दिल्ली विश्वविद्यालय चले गए। यहीं रह कर उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की थी।

बेगूसराय के आशीष कुमार को 226वां स्थान

यूपीएससी का रिजल्ट जारी होते ही बेगूसराय में भी खुशी की लहर दौड़ गई। नगर निगम के अभियंता अजीत कुमार के बेटे आशीष कुमार को 226वां स्थान प्राप्त हुआ है। आशीष कुमार को यह उपलब्धि दूसरी बार परीक्षा देने के बाद मिली है। आशीष कुमार की प्रारंभिक शिक्षा बेगूसराय के इटवा डीएवी कॉलेज से हुई है। बाद में उन्होंने एनआईटी भोपाल से पढ़ाई की। आशीष कुमार 3 साल फ्लिपकार्ट और मारुति कंपनी में काम भी कर चुके हैं। लेकिन काम के दौरान भी आशीष पढ़ाई करते हुए यूपीएससी की तैयारी करते रहे। आशीष कुमार की इस उपलब्धि से परिजनों के साथ-साथ जिले वासियों में खुशी है। नगर निगम के पूर्व मेयर संजय कुमार उनके घर पहुंचे और आशीष कुमार को बुके और शॉल देकर सम्मानित किया।

535वें रैंक पर चुने गए नवादा के निरंजन कुमार

नवादा जिले के एक दुकानदार के बेटे निरंजन कुमार ने जब यूपीएससी (UPSC) क्लियर किया तो घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए निरंजन को कड़े संघर्षों से गुजरना पड़ा है। कभी बच्चों को ट्यूशन पढ़ाए तो कभी कई किलोमीटर तक पैदल चलकर कोचिंग गए। अब निरंजन कुमार यूपीएससी की परीक्षा पास करके भारतीय राजस्व सेवा में बड़े अफसर बन चुके हैं। निरंजन को 535 रैंक मिली है, जबकि 2017 में 728 रैंक मिली थी। उनके पिता की छोटी सी खैनी की दुकान थी, जिससे किसी तरह से घर चल रहा था। चार भाई-बहनों की पढ़ाई लिखाई का इंतजाम करना परिवार के लिए काफी मुश्किल था, लेकिन इसके बाद भी ना तो परिवार ने निरंजन का साथ छोड़ा और ना ही निरंजन ने हार मानी।

सहरसा के मनीष कुमार को 581वां स्थान

सहरसा के मनीष कुमार ने UPSC परीक्षा में 581वां रैंक हासिल किया है। साधारण परिवार से आने वाले मनीष के पिता मुसाफिर सिंह दवा दुकान में सेल्समेन की नौकरी करते थे। अचानक 2010 में उनका निधन हो गया। मनीष ने ट्यूशन पढ़ा कर परिवार का भरण पोषण किया। कोविड काल में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की। पहले प्रयास में ही सफलता मिली। सहरसा के न्यू कॉलोनी स्थित मध्य विद्यालय से 8वीं पास कर जिला स्कूल से 10वीं पास किया। फिर सर्वनारायण सिंह, रामकुमार सिंह महाविद्यालय से स्नातक की शिक्षा 2013 में प्राप्त की।

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