राजनांदगांव : गायत्री विद्यापीठ में द्वितीय राज्य स्तरीय सुंदरकांड गायन एवं व्याख्यान प्रतियोगिता का भव्य आयोजन
राजनांदगांव। नित नई बुलंदियों की ऊँचाइयों को छूता हुआ शिक्षा व संस्कार के क्षेत्र में अग्रणी जिले की ख्याति प्राप्त संस्था गायत्री विद्यापीठ में द्वितीय राज्य स्तरीय संगीतमय सुंदरकांड गायन एवं व्याख्यान प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन में गायत्री शिक्षण समिति के अध्यक्ष बृजकिशोर सुरजन, उपाध्यक्ष श्रीमती संध्यादेवी सिंघल, श्री राजेश जैन, सचिव श्री गगन लड्ढा, सह-सचिव श्री निकुंज सिंघल, कोषाध्यक्ष श्री सूर्यकान्त जी चितलांग्या, संरक्षक श्री नंदकिशोर सुरजन, श्रीमती सुषमा सुरजन, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक प्रभारी श्री हरीश गांधी, श्रीमती रूपाली गांधी, शाला की प्राचार्य श्रीमती वत्सला अय्यर, श्री अनुराग वर्मा, उपप्राचार्य श्रीमती रश्मि ठाकुर, श्रीमती वंदना डुंभरे, निर्णायक के रूप में आमंत्रित थे- श्री रामचंद सर्पे जी, प्रसिद्ध तबला वादक (संगीत पक्ष में), श्री अचल कुमार वैष्णव जी, प्रसिद्ध भागवताचार्य, मानस मर्मज्ञ (व्याख्या एवं अनुशासन पक्ष), श्री प्रभंजय चतुर्वेदी जी अंतर्राष्ट्रीय कलाकार (संगीत पक्ष) उपस्थित थे। शाला की व्याख्याता श्रीमती उषा झा से मिली जानकारी के अनुसार उक्त प्रतियोगिता में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। राज्य स्तर पर आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रदेश के लगभग 15 सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त स्कूलों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। आयोजन का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हनुमान चालीसा से किया गया। पवित्र ग्रंथ रामचरित मानस की भी विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की गई। स्वागत भाषण श्री बृजकिशोर सुरजन द्वारा दिया गया। जिसमें उन्होंने सभी का स्वागत करते हुए उक्त आयोजन का उद्देश्य बताते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में चरित्र बल व नैतिक बल को विकसित करना है। श्रीराम की तरह वे मर्यादित जीवन जीये। सम्पूर्ण रामचरित मानस को आत्मसात कर मानव कल्याण के मार्ग में अपना जीवन समर्पित कर मनुष्य जीवन की सार्थकता को सिद्ध करें। विशेष उद्बोधन प्राचार्य श्रीमती वत्सला अय्यर द्वारा दिया गया जिसमें उन्होंने कहा कि यह आयोजन वास्तव में पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए गर्व का विषय रहा जहां हम अपनी भूमि से जुड़कर अपनी संस्कृति व सभ्यता पर गर्व कर सकते है। भगवान के राम के आदर्श को अपनाकर हर छात्र इस संसार को राममय बना सकता है।पूर्व सांसद प्रदीप गांधी द्वारा भी सभा को संबोधित करते हुए कहा गया कि आज मैं ऐसे पावन भूमि पर आमंत्रित हूँ जहां मुझे हर एक बच्चे में राम की छवि दिखाई देती है। सही सोच सही विचार इंसान को हर असंभव से संभव की ओर ले जाते है। इसी संदर्भ में आज का यह आयोजन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। प्रतियोगिता का परिणाम इस प्रकार रहा-प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कृष्णा पब्लिक स्कूल सरोना रायपुर को 7001 रुपए नगद, द्वितीय स्थान जेएलएम गायत्री विद्यापीठ राजनांदगांव को 5001 रुपए का नगद पुरस्कार एवं तृतीय स्थान श्रीराम कृष्ण पब्लिक स्कूल कवर्धा को 3001 रुपए का नगद पुरस्कार प्राप्त हुआ। प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर आए टीमों को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किया गया। इसी प्रकार समय पर सर्वप्रथम पहुंचने वाले स्कूल टीम रामकृष्ण पब्लिक स्कूल कवर्धा को, बेस्ट अनुशासन के लिए विचक्षण जैन विद्यापीठ कुम्हारी को, बेस्ट म्युजिकल प्रस्तुति के लिए शकुंतला विद्यालय रामनगर भिलाई को, सुंदर लय ताल में गान के लिए शंकरा विद्यालय रायपुर को एवं मनमोहक व्याख्यान के लिए नीरज बाजपेयी इंटरनेशनल स्कूल को पुरस्कृत किया गया। समस्त प्रतिभागी विद्यार्थियों को सहभागिता प्रमाणपत्र विद्यालय की ओर से प्रदान किया गया।कार्यक्रम में शाला के शिक्षक श्री जयेश मुदलियार द्वारा बाहुबली हनुमान जी का भव्य रूप प्रस्तुत किया गया। जिसमें वे साक्षात् हनुमान की उपस्थिति का एहसास करा रहे थे। संपूर्ण वातावरण जय हनुमान- जय श्रीराम के नारे से गुंजायमान हो उठा। संगीत शिक्षक देव साहू एवं दिनेश साहू, नृत्य शिक्षिका भारती यादव, के मार्गदर्शन में बच्चों की प्रस्तुति यादगार रही। मंच संचालन श्री अखिलेश मिश्रा, श्रीमती सीमा गायधने, श्रीमती सोनल रायचा द्वारा किया गया।कार्यक्रम के अंत में श्री राम जी की आरती के साथ प्रसाद वितरण कर आयोजन संपन्न हुआ।