छत्तीसगढ़

वनांचल में बिछ रहा सड़कों का जाल

राजनांदगांव . वनांचल में सुगम आवागमन के लिए सड़कों का जाला बिछाया जा रहा है। आठ करोड़ 80 लाख 29 हजार रुपये की लागत से ग्राम टिंगामाली लछना से कटेमा तक 17.2 किलोमीटर की सड़क निर्माण किया जा रहा है। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा खैरागढ़ विकासखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़क का निरीक्षण किया। सड़क का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत किया जा रहा है। ग्राम टींगामाली लछना से कटेमा के बीच 17.2 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है।गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य करने की दी नसीहतः कलेक्टर वर्मा ने अधिकारियों को गुणवत्ता के साथ सड़क का निर्माण करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत जो प्रावधान है, उसके अनुरूप सड़क का निर्माण करें। उन्होंने लछना से कटेमा के बीच जगह-जगह रूक कर निर्माणाधीन सड़क की गुणवत्ता देखी तथा कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। सड़क के निरीक्षण के दौरान उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा की। ग्रामीण सड़क के निर्माण होने से प्रसंन्ना है। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क बनने से उनके आवागमन की समस्या दूर होगी। बरसात में होने वाली दिक्कत नहीं होगी तथा अनेक जरूरी चीजों के लिए शहर आने जाने में सुविधा होगी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों ने बताया कि सड़क की कुल लंबाई में छह किलोमीटर सड़क का निर्माण हो चुका है, शेष सड़क का निर्माण प्रगति पर है। जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इस दौरान ज्ञानेंद्र कश्यप, सहायक अभियंता ईश्वर दोनोडे व अन्य मौजूद रहे।

नक्सल प्रभावित गांवों को मिलेगी सुविधा : कलेक्टर वर्मा ने छुईखदान विकासखंड के नक्सल प्रभावित सुदूर वनांचल ग्राम भावे से लछना झिरिया तक निर्माणाधीन सड़क का मुआयना किया। यह सड़क प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्माण किया जा रहा है। दोनों गांव के मध्य सड़क की लम्बाई 6.68 किलोमीटर है। जिसकी लागत चार करोड़ 92 लाख 58 हजार रुपये है। कलेक्टर ने कहा कि सड़क निर्माण पूर्ण गुणवत्ता से होनी चाहिए। सड़क निर्माण होने से आस-पास के गांव को सुविधा होगी। इसमें ग्रामवासियों के साथ-साथ कर्मचारियों, विद्यार्थियों तथा ग्रामीणों को सुविधा मिलेगी। ग्रामवासी चिकित्सकीय सुविधा के लिए आसानी से शहर पहुंच सकते है। वहीं 108, 102 की गाडिय़ां से मेडिकल सुविधाएं तत्काल ग्रामवासियों को मिलेगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सड़क मार्ग से कनेक्टीविटी होने से लोगों का प्रशासन के प्रति जुड़ाव बढ़ेगा। अधिकारियों ने बताया कि भावे से लक्षना झिरिया सड़क निर्माण होने से बकरकट्टा कैंप से मलैदा कैंप की दूरी कम हो जाएगी। सड़क निर्माण होने से इसकी दूरी केवल 20 किलोमीटर रह जाएगी। इस सड़क में केवल डामरीकरण का कार्य बचा हुआ है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। बारिश में आसानी से कर सकेंगे आवागमनबरसात के दिनों में नदी का जल स्तर बढे से गांव में आवागमन बाधित होता है। खैरागढ़ विकासखंड के ग्राम पाडादाह में असुविधा से बचने के लिए आमनेर नदी पर पुल का निर्माण किया जा रहा है। कलेक्टर वर्मा ने निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण किया। नदी पर निर्माणाधीन पुल की लंबाई लगभग 100 मीटर है। जिसकी लागत चार करोड़ 11 लाख रुपये है। पुल के निर्माण होने से बरसात के दिनों में भी आवागमन जारी रहेगा। ग्राम खामरडीह, टेकापार, गाड़ाघाट, अचानकपुर नवागांव के ग्रामीणों को सुविधा मिलेगी। उन्होंने छुईखदान विकासखंड के छिंदारी से देवरचा सड़क के मध्य पिपरिया नदी पर निर्माणाधीन वृहद पुल का भी निरीक्षण किया। जिसकी लागत दो करोड़ 90 लाख रुपये है। वर्मा ने निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि बरसात के पहले निर्माण पूरा करें। जिससे बारिश में आवागमन की समस्या से बचा जा सके।

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