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इन राज्‍यों में 1 मार्च से खुलेंगे स्‍कूल, शुरुआत में इन कक्षाओं के स्‍टूडेंट्स को बुलाएंगे

COVID-19 महामारी के खिलाफ सुरक्षा उपाय के रूप में पिछले साल मार्च में देशव्यापी बंद की घोषणा के बाद देश भर के स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया था। कई राज्य सरकारों ने ऑफ़लाइन कक्षाओं को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। यूपी में परिषदीय विद्यालय पूर्व की तरह एक मार्च से बच्‍चों के लिए खुलने जा रहे हैं। स्‍कूल की कक्षाओं और गेट को रंगीन गुब्‍बारों, फूलों व रंग बिरंगी झालरों से बच्‍चों के स्‍वागत के लिए सजाया जाएगा। माथे पर टीका लगाकर बच्‍चों का स्‍कूल में स्‍वागत किया जाएगा। हरियाणा और तेलंगाना में COVID-19 मामलों की घटती संख्या के कारण, राज्य सरकार ने स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है। सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के लिए कक्षा 10 और 12 के लिए ऑफलाइन मोड में आयोजित होने वाली तारीखों की भी घोषणा की गई है। स्टूडेंट्स ऑनलाइन की क्लास अटेंड कर रहे हैं। फिलहाल ग्रेड 3 से 5 के लिए कक्षाएं 24 फरवरी से सुबह 10 से दोपहर 1:30 बजे तक आयोजित की जा रही हैं। बच्चों को स्कूल जाने को लेकर अभिभावकों की सहमति लेनी होगी। जो छात्र घर से पढ़ाई जारी रखना चाहते हें, उन्हें इसके लिए अनुमति देनी होगी। सभी छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों को कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा। सभी कक्षाओं के लिए क्लास और एग्जाम के लिए शैक्षणिक कैलेंडर बनाना होगा। स्कूल में डॉक्टर या नर्स या अटेंडेंट फुल टाइम मौजूद होना चाहिए। यूपी में 1 मार्च से खुल रहे प्राइमरी स्कूलसीएम योगी के निर्देश पर नौनिहालों के स्‍वागत के लिए स्‍कूलों में तैयारियां शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग बच्‍चों के स्‍वागत के लिए अभी तैयारियों में जुट गया है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कक्षा 1 से 5 तक के परिषदीय विद्यालयों को पूर्व की तरह एक मार्च से संचालित किए जाने के निर्देश दिए हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से एक साल तक ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले बच्‍चें जब स्‍कूल पहुंचेंगे तो उनको बहुत कुछ बदला हुआ दिखाई देगा। बच्‍चों के पीने के पानी के लिए रनिंग वाटर की व्‍यवस्‍था की जाएगी। शिक्षकों को समरसेबिल पंप आदि लगाने के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित प्रदेश के 1.5 लाख से अधिक प्राथमिक व उच्‍च प्राथमिक विद्यालयों में 1 करोड़ 83 लाख से अधिक बच्‍चे पढ़ते हैं। 11 महीने बाद एक मार्च को जब प्राथमिक विद्यालय के छात्र अपने स्‍कूल पहुंचेंगे तो उनको बहुत कुछ बदला हुआ नजर आएगा। स्‍कूलों को स्‍मार्ट क्‍लास व लाइब्रेरी से लैस किया गया है। अकेले लखनऊ के 1642 स्‍कूलों से करीब 100 स्‍कूल में स्‍मार्ट क्‍लासेज बनाए गए हैं। हरियाणा में 1 मार्च से खुलेंगे प्राइमरी स्‍कूलहरियाणा में स्कूल बुधवार को कक्षा 3 से 5वीं के छात्रों के लिए खुल गए हैं। 1 मार्च से पहली और दूसरी की नियमित कक्षाएं शुरू होंगी। राज्‍य सरकार ने 1 मार्च से ग्रेड 1 और 2 के लिए भी नियमित क्लास शुरू करने का फैसला किया है। स्कूल खुलने का समय सुबह 10 से दोपहर 1:30 बजे तक होगा। छात्रों के माता-पिता को स्कूल भेजने से पहले एक सहमति पत्र स्कूल प्रमुख या क्लास इंजार्ज को देना होगा। स्टूडेंट्स स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं है। अगर कोई स्कूल नहीं आता तो उसका नाम नहीं काटा जाएगा। अभिभावक चाहे तो ऑनलाइन क्लास जारी रखवा सकते हैं। तेलंगाना में कक्षा 6 से 8 के लिए स्कूल खोलने का फैसलातेलंगाना सरकार ने आज से कक्षा 6 से 8 के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है। इससे पहले, सरकार ने 1 फरवरी से 9 से 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए शारीरिक कक्षाएं फिर से खोलने की अनुमति दी थी।India.com की रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने एक आदेश में सूचित किया कि छात्रों की शारीरिक उपस्थिति के लिए, माता-पिता की सहमति अनिवार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों को कठोर COVID-19 प्रोटोकॉल बनाए रखना होगा। झारखंड में 1 मार्च से 8वीं और अन्‍य कक्षाएं खुलेंगीराज्य में एक मार्च से आठवीं व इससे ऊपर की सभी कक्षाएं शुरू किए जाने संबंधित राज्य सरकार की उच्च स्तरीय समिति के फैसले के आलोक में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने भी स्कूल खोलने संबंधित एसओपी जारी कर दिया है। जारी एसओपी के अनुसार स्कूल खुलने के दो से तीन सप्ताह तक असेस्मेंट टेस्ट नहीं लेना होगा। स्कूलों में एनसीइआरटी द्वारा तैयार वैकल्पिक एकेडमिक कैलेंडर को लागू किया जा सकता है। स्कूलों में मिड डे मील तैयार करते और परोसे जाते समय सावधानी रखनी होगी। स्कूल परिसर में किचन, कैंटीन, वाशरूम, लैब, लाइब्रेरी सहित सभी थानों पर साफ-सफाई व कीटाणुरहित करने की व्यवस्था करनी होगी। इमर्जेंसी केयर सपोर्ट रिस्पांस टीम, सभी के लिए जनरल सपोर्ट टीम, कमोडिटी सपोर्ट टीम, हाइजीन इंस्पेक्शन टीम आदि का गठन जिम्मेदारी पूर्वक सभी स्कूलों के माध्यम से किया जा सकता है। स्‍कूल खुद भी बना सकते हैं SOPs एसओपीकेंद्र सरकार और राज्य सरकार के जारी निर्देशों के मुताबिक स्कूल स्वयं भी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) बना सकते हैं। इसमें सामाजिक दूरी और सुरक्षा के नियम शामिल होने चाहिए। इन्हें स्कूल को नोटिस बोर्ड पर लगाने के साथ-साथ अभिभावक को स्कूल के कम्यूनिकेशन सिस्टम के माध्यम से भेजा जाना चाहिए। कक्षाओं में बैठने के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करना होगा, कार्यक्रम और आयोजनों से बचना चाहिए, स्कूल आने और जाने के टाइम-टेबल बनाना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए। सभी छात्र-छात्राएं और स्टाफ फेस कवर या मास्क लगाकर ही स्कूल आएंगे और पूरे समय इसे पहने रहेंगे, विशेषतौर पर कक्षाओं के दौरान या सामूहिक कार्यों या मेस में खाने या लैब में परीक्षण करने के दौरान। स्कूल में विभिन्न स्थानों पर सामाजिक दूरी और अन्य जरूरी नियमों को बताने वाले बोर्ड या सूचना पट्ट लगाने होंगे।

यह होगी नई गाइडलाइनसरकार ने निर्देश जारी कर कहा है कि स्कूलों में कोविड-19 से बचाव के लिए जारी गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करना होगा। स्कूल मैनेजमेंट को हर विद्यार्थी और टीचर के तापमान का रिकॉर्ड रखना होगा। प्रत्येक स्कूलों को प्राथमिक, मिडिल, और सीनियर सेकंडरी विंग में बांटा गया है। अगर किसी विंग में छात्र कोरोना संक्रमित पाया जाता है, तो उस विंग को 10 दिनों के लिए बंद कर दिया जाएगा। एक से अधिक विंग में छात्र पॉजिटिव मिलने पर पूरे स्कूल को 10 दिनों के लिए बंद रखा जाएगा।

लगातार बढ़ रहे कोरोना केस: इधर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बुधवार को 131 नए मरीज मिले हैं। जबकि पंचकूला में एक की मौत हो गई। सबसे अधिक केस 39 गुरुग्राम में सामने आए हैं। अबतक 2 लाख 66 हजार 99 लोग कोविड को हरा चुके हैं। वहीं विभाग ने एक बार फिर टेस्टिंग बढ़ा दी है। 23 फरवरी को 14330 और 24 फरवरी को 17772 लोगों की जांच की गई। आज (गुरुवार) स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अधिकारियों के साथ बढ़ते संक्रमण को लेकर बैठक करेंगे। इस मीटिंग में कोविड-19 को रोकने के लिए ठोस निर्णय लिए जा सकते हैं।

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