छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

गर्मी आते ही बढ़ी मटके की मांग

राजनांदगांव । गर्मी के बढ़ने के साथ ही शहर में देशी फ्रिज की माग बढ़ गई है। शहर में कई जगह मटकों की दुकानें सजी हैं। बीते कुछ सालों में मटकों की मांग शहरी इलाके में कम हो गई थी, मगर इस वर्ष मांग बढ़ी है। आज भी ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर लोग मटके का ही पानी पीते हैं।

मार्च के आखिरी हफ्ते में सूरज ने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में ठंडे पानी से गला तर करने के लिए मटकों की मांग बढ़ गई है। इसे देखते हुए मुख्य चौराहों पर सड़क के किनारे मटकों का बाजार सजने लगा है। लोगों की पसंद को ध्यान में रखते हुए मटकों को स्टाइलिश लुक भी दिया जा रहा है। सुराही भी नए ढंग से तैयार की जा रही है।

100 से 250 रुपये तक के मटके अन्य वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष मटके की मांग अधिक है। 100 से लेकर 250 रुपये तक मटके मिल रहे हैं। पिछली बार कोरोना के कारण मटके नहीं बिक पाए थे । इस कारण इस वर्ष लोग मटके लेने ज्यादा पहुंच रहे हैं। एक कुम्हार के पास से एक दिन में 10 से 18 मटके बिक जाते हैं। शहर के महावीर चौक, नंदई चौक, बसंतपुर चौक, मोहारा चौक आदि कई जगह मटकों का बाजार सजा है। कुम्हारों का कहना है कि एक दिन में 1500 लेकर 3000 रुपये तक के मटके बिक जाते हैं। बता दें कि ग्रामीण इलाकों में ज्यादातर लोग अभी भी मटके का पानी पीते हैं। ऐसे ग्रामीणों की तादाद लगभग 70 फीसद है। बड़े बुजुर्गों का मानना है कि मटके के पानी का अलग ही स्वाद होता है। मटके का पानी पीने से सरद-गरम की शिकायत नहीं होती।

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