छत्तीसगढ़रायपुर जिला

92 साल और 90 साल की दो बुजुर्ग महिलाओं ने कोविड को हराया और अब पूरी तरह स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होकर घर पहुँची

दुर्ग जिले के जामुल में 92 वर्ष की तीजवती ने कोविड को मात दी।   टीजबती के घर में सबसे पहले उनके बेटे को कोविड के लक्षण आये। माँ चिंतित हुई और खाना-पीना कम कर दिया। उनकी भी आरटीपीसीआर जाँच हुई तो पाजिटिव आया। 

जामुल में सेवाभावी संस्था श्री राधा कृष्ण संस्कार मंच ने कोविड केयर सेंटर खोला है जिसके लिए प्रशासन ने बीते दिनों अनुमति दी थी। यहाँ दादी का इलाज आरंभ हुआ। संस्था के संयोजक श्री ईश्वर उपाध्याय ने बताया कि यहाँ मरीजों की देखभाल कर रहे डॉ. शाहिद ने बताया कि इनका आक्सीजन लेवल 74 तक चला गया है। सीटी स्कैन की रिपोर्ट में सीटी स्कोर 14 दिखा रहा है। इनकी रिकवरी के लिए टीम को काफी मेहनत करनी होगी। पूरी टीम जुट गई और कमाल हुआ। इलाज कर रहे डॉ. शाहिद अनवर ने बताया कि इतनी बुजुर्ग अवस्था में और कोमार्बिड होने के साथ इस तरह से रिकवर करना अद्भुत है। तीजबती की कहानी से बहुत से लोगों को कोविड से लड़ने की प्रेरणा मिलेगी। इस उम्र में भी कोमार्बिड होने के बावजूद वो इस बीमारी से बाहर आ गईं। 
बुजुर्गों की यह कहानियाँ बताती हैं कि किसी भी आयु में और किसी भी तरह की कोमार्बिडिटी होने पर भी कोरोना से बाहर आना पूरी तरह संभव है।

जिला अस्पताल में 90 वर्षीय महिला इलाज के बाद पूरी तरह स्वस्थ– गणपति विहार दुर्ग से राधिका बाई भी जिला अस्पताल से डिस्चार्ज हुईं। उन्हें पाँच दिन अस्पताल में रखा गया। उन्हें हल्का इंफेक्शन था। किसी तरह की मार्बिडिटी नहीं थी। जब वे डिस्चार्ज हुईं तो पूरी तरह स्वस्थ थीं और आक्सीजन लेवल 98 था। राधिका बाई का इलाज कर रहे डाॅक्टरों ने बताया कि अच्छी इम्यूनिटी होने की वजह से तथा मेडिसीन प्लान की वजह से उनकी रिकवरी तेजी से हुई। राधिका बाई के परिजनों ने बताया कि जिला अस्पताल में बहुत अच्छा इलाज हुआ। हम लोग बहुत खुश हैं और इन्हें घर ले जा रहे हैं। हमारी सारी चिंता दूर हो गई है।

advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button