छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

निगम पिला रहा मटमैला पानी, रंग ऐसा कि लोग अब इसका उपयोग करने से हिचक रहे

शहर में सप्ताहभर से मटमैले पानी की सप्लाई हो रही है। लोग पानी के रंग को देखकर पीने से हिचक रहे हैं। सक्षम लोग तो बाजार से पानी का जार मंगाकर काम चला ले रहे हैं पर गरीब तबके के लोगों को मजबूरी में मटमैले पानी का ही इस्तेमाल करना पड़ रहा है। हैरत की बात यह है कि निगम के अफसर इस पानी को पीने योग्य बता रहे हंै। जल विभाग के अफसरों का कहना है कि लैब में जांच हो चुकी है, पानी उपयोग के लायक है।

अमृत मिशन प्रोजेक्ट के तहत करोड़ों रुपए खर्च कर मोहारा में नया ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है यहां तक निगम के अफसर प्लांट में ही बैठे-बैठे पता लगा लेते हैं कि शहर की किस टंकी में पानी कितना भरा है। इस तरह हाईटेक तरीका अपनाने के बाद भी निगम के अफसर नदी से आ रहे गाढ़ा और मटमैला पानी को फिल्टर नहीं कर पा रहे हैं।

बारिश में भी जलसंकट: लैब में जांच के बाद इसे पीने लायक बता रहे जिम्मेदार
नदी में पानी का तेज बहाव नहीं

प्लांट के कर्मचारियों का कहना है कि जब से नदी से मटमैला पानी आना शुरू हुआ है तब से एलम की मात्रा बढ़ा दी गई है। प्लांट में डबल एलम डाला जा रहा है। इसके बाद भी पानी का रंग नहीं बदल रहा है। बताया कि नदी में पानी का बहाव भी तेज नहीं हुआ है। इसके चलते मिट्‌टीयुक्त पानी प्लांट तक आ रहा। अच्छी बारिश नहीं होने की वजह से नदी में पानी का ठहराव सा हो गया और इसमें काई जमने की वजह से भी समस्या सामने आ रही है।

हर बार यही बहाना बनाते हैं अफसर
माहभर पहले भी नलों में खराब पानी आ रहा था, तब भी अफसरों ने नदी का पानी गाढ़ा होने का हवाला देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा था। पार्षद दल के प्रवक्ता शिव वर्मा का कहना है कि निगम के अफसर शहरवासियों को गंदा पानी पिला रहे हैं। निगम के अफसरों ने ही बताया था कि मोहारा स्थित प्लांट की टंकी की सफाई कराई गई है तब फिर मटमैला पानी कैसे आ रहा है? वर्मा का कहना कि ऐसी स्थिति में ब्लीचिंग और एलम की मात्रा बढ़ाई जानी चाहिए।

एनीकट के आसपास सफाई तक नहीं
नगर निगम की ओर से शहरवासियों की प्यास बुझाने के लिए शिवनाथ नदी पर बने एनीकट में पानी का स्टोरेज किया जाता है। एनीकट के आसपास काई जमी हुई है। पानी हरा हो गया है। इसके बाद भी निगम की ओर से एनीकट के आसपास की सफाई नहीं कराई जा रही है। इसके चलते शहरवासियों को खराब पानी पीने मजबूर होना पड़ रहा।

गंदे पानी आने का यह बता रहे कारण
निगम निगम के जल विभाग के प्रभारी अधिकारी कामना यादव का कहना है कि शिवनाथ नदी में नालों का पानी आ रहा है जो कि मटमैला है। पानी का रंग हरा भी हो गया है। तेज बारिश नहीं होने से काई हट नहीं रही है। ट्रीटमेंट प्लांट में लगातार पानी को फिल्टर कर रहे हैं और लैब में जांच भी हो रही है। पानी पीने लायक है। पीएचई के लैब में भी टेस्ट करा चुके हैं।

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