नाबालिग पीड़ितों को मिलेगा अपने घर जैसा वातावरण
जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार कश्यप ने शुक्रवार को जिला न्यायालय में स्थित पॉक्सो न्यायालय में चाइल्ड फ्रेंडली रूम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा उपस्थित थे। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर प्रत्येक जिला न्यायालय या तालुका में स्थित पॉक्सो न्यायालय में चाइल्ड फ्रेंडली रूम बनाने का निर्देश दिए गए है।
पॉक्सो न्यायालय के न्यायाधीश शैलेश शर्मा ने बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र के बालक या बालिकाओं के साथ होने वाले अपराधों के पीड़ित एवं पीड़िता को अपने घर जैसा वातावरण दिए जाने के उद्देश्य से चाइल्ड फ्रेंडली रूम तैयार किया गया है। जिसका उद्देश्य ऐसे बालक या बालिका जिनके साथ अपराध घटित हुआ है तथा जिन्हें न्यायालय के समक्ष साक्ष्य देने के लिए उपस्थित होना है, उन्हें घर जैसा वातावरण मिले, जिससे वे पीठासीन अधिकारी तथा स्टाफ को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए उनके साथ हुए घटनाओं के संबंध में बिना किसी डर-भय के बातों को साझा कर सकें।
बच्चों के खेलने के लिए खिलौने, रंगे-बिरंगे पेंटिंग्स, कॉमिक्स की किताबें, मनोरंजन के साधन के साथ-साथ कार्टून एवं पढ़ाई से संबंधित वर्ण अक्षर से दीवारों को सजाया गया है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव एवं जिला प्रशासन, नगर पालिका निगम राजनांदगांव के संयुक्त प्रयास से कक्ष का निर्माण किया गया है।
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे, विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटीज एक्ट) मंसूर अहमद, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय शैलेश केतारप, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश दीपक गुप्ता, अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी अभिषेक शर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मोनिका जायसवाल सहित विवेक गर्ग, भावना नायक, अनिता कोशिमा रावटे, आकांक्षा राठौर, आलोक अग्रवाल, सचिव देवाशीष ठाकुर, जिला अधिवक्ता संघ राजनांदगांव के अध्यक्ष मनोज चौधरी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व न्यायालय के कर्मचारी, पुलिस जवान एवं पैरालीगल वालंटियर्स उपस्थित थे।