देश

भारत ने मैच हारकर भी दिल जीता, रियो की गोल्ड मेडलिस्ट ब्रिटेन को कड़ी टक्कर दी, जानिए हार के कारण

ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम को कांस्य पदक के मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन के हाथों 3-4 से करारी हार का सामना करना पड़ा। गुरुवार को भारतीय पुरुष टीम ने जर्मनी को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया था। महिला टीम के पास भी आज इतिहास रचने का मौका था, लेकिन वह ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाई।
 
हालांकि, भारतीय टीम ने ब्रिटेन को कड़ी टक्कर दी। 2016 के रियो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली ग्रेट ब्रिटेन को भारत के खिलाफ मैच जीतने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। एक वक्त 3-2 पिछड़ रही ब्रिटेन आखिरी क्वार्टर में बढ़त बना पाई। इसलिए भारत मैच हारकर भी लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहा। 
 
टीम इंडिया भले ही कांस्य पदक नहीं जीत पाई हो, लेकिन उसने टोक्यो में अपने अभियान का अंत चौथे स्थान पर रहकर किया। इससे पहले 1980 में भी भारतीय महिला हॉकी टीम चौथे स्थान पर रही थी। उस वक्त मुकाबले राउंड रोबिन आधार पर हुए थे और टॉप की दो टीमों के बीच फाइनल खेला गया था। 

शुरुआत से ही ब्रिटेन को कड़ी चुनौती दी
कांस्य पदक के मुकाबले में शुरुआती 15 मिनट के खेल में भारतीय टीम अपनी लय पाने की कोशिश करती दिखी। इस वजह से टीम इंडिया खराब डिफेंस एक फिर सामने आया। इसका पूरा फायदा ब्रिटेन ने उठाया और 2-0 की बढ़त के साथ टीम इंडिया को दबाव में डाल दिया। 

इसके बाद टीम इंडिया ने शानदार वापसी की और हाफ टाइम में 3-2 की बढ़त के साथ ब्रिटेन को बैकफुट पर ला दिया। इसके बावजूद ब्रिटेन ने लगातार अपने अटैक के जरिए भारत की परीक्षा ली। यहीं, टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी जीत के रास्ते में रोड़ बन गई।

advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button