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अधूरी रह गई डॉक्टर पिता से मिलने की हसरत

लखनऊ के उरई के डॉक्टर के पॉजिटिव आने के बाद उनके बच्चों को क्वारंटीन किया गया था। इसका 14 दिन का समय पूरा कर वे शनिवार सुबह लौटे थे। उम्मीद थी कि पिता का हाल-चाल लेंगे, लेकिन दोपहर करीब चार बजे उनकी मौत की सूचना मिली।  

डॉक्टर को उनकी पत्नी व बेटी 25 अप्रैल को केजीएमयू लेकर पहुंची थीं। उनका बेटा केजीएमयू का छात्र है। डॉक्टर और उनकी पत्नी की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भाई-बहन को क्वारंटीन कर दिया गया था। शुक्रवार को इसका समय पूरा हो गया। शनिवार सुबह करीब 11 बजे दोनों को सूचना मिली कि उनके माता-पिता की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है। 
छात्र अनुराग ने साथियों से यह खुशी साझा की। उन्होंने डॉक्टरों से माता-पिता से मिलने की इच्छा जताई तो दोपहर बाद मुलाकात का आश्वासन दिया गया। लेकिन करीब चार बजे उन्हें पिता की मौत की सूचना मिली।  

भाई-बहन के रुकने के लिए आईएमए के गेस्ट हाउस में व्यवस्था की गई थी। योजना थी कि डॉक्टर की पत्नी को डिस्चार्ज होने के बाद यहीं रोक लिया जाएगा। यहां रहकर वह पति की देखभाल करती। डॉक्टर के पूरी तरह से ठीक होने के बाद पूरा परिवार एक साथ घर जाता, लेकिन ऐसा हो न सका। 

केजीएमयू में मरीजों की मौत सामान्य बात है, लेकिन शनिवार को डॉक्टर की मौत पर पूरा केजीएमयू रोया। उरई निवासी डॉक्टर 1981 बैच के जार्जियन हैं तो उनका बेटा एमबीबीएस फाइनल ईयर का छात्र है। डॉक्टर के बैच के तमाम लोग केजीएमयू में विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं। 

डॉक्टर की मौत की सूचना मिलते ही वे केजीएमयू पहुंच गए। इस सूचना ने मेडिकल छात्रों को भी दुखी कर दिया। हॉस्टलों में मौजूद छात्र प्रशासनिक भवन के पास पहुंच गए। डॉक्टर से लेकर मेडिकल छात्र तक एक दूसरे को संभालने में लगे रहे।

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