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राजनांदगांव : अपना घर तो अपना ही होता है : श्रमिक स्पेशल टे्रन से राजनांदगांव स्टेशन में उतरे प्रवासी श्रमिकों की खुशी चेहरे पर साफ दिखी

अपना घर तो अपना होता है, छत्तीसगढ़ के किसी भी कोने में रहेंगे वह अपनी धरती ही है। हमें घर तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जो हम मजदूरों की सहायता की है। इसके लिए उन्हें बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं। छत्तीसगढ़ आने के बाद उन्हें राहत की सांस मिली है। यह बात आज राजनांदगांव रेल्वे स्टेशन में श्रमिक स्पेशल टे्रन द्वारा हैदराबाद से आए कवर्धा जिले के जंगलपुर निवासी मनोज कुमार ने कही। उन्होंने बताया कि वे रोजी मजदूरी करने हैदराबाद गए थे और लॉकडाउन होने के कारण काम बंद हो गया था। जिसके चलते वे अपने घर आना चाहते थे, मुुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संवेदनशील प्रयास से लॉकडाउन के कठिन दौर में सुरक्षित घर पहुंचने की सुविधा मिली है।
राजनांदगांव रेल्वे स्टेशन में सुबह 9.45 बजे टे्रन से पहुंचे श्रमिकों की मुस्कान यह बयां कर रही थी कि छत्तीसगढ़ की धरती पर कदम रखने से वे काफी खुश हैं और उनकी घर पहुंचने की सभी चिंताएं दूर हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयासों से कोविड-19 के कारण लॉकडाउन में हैदराबाद में फंसे श्रमिकों की आज सुबह श्रमिक स्पेशल टे्रन से सकुशल वापसी संभव हो सकी। राजनांदगांव जिले के 113 और कवर्धा जिले के 100 श्रमिक टे्रन से आज पहुंचे। राजनांदगांव जिले के श्रमिकों को रेल्वे स्टेशन से बस द्वारा रैन बसेरा ले जाया गया और वहां उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। कवर्धा जिले के श्रमिकों का रेल्वे स्टेशन में ही स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें बस से रवाना किया गया। स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद उन्हें फल एवं नाश्ता भी दिया गया।
गंडई विकासखंड के ग्राम विचारपुर मनोज ने बताया कि अपनी पत्नी व तीन बच्चों के साथ हैदराबाद रोजी मजदूरी करने गए थे। लॉकडाउन होने के कारण वहां उनका काम बंद हो गया और घर आना चाहते थे। मुख्यमंत्री के अथक प्रयासों से इन कठिन परिस्थिति में आज वे अपने घर वापस आए गए हैं। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया। कवर्धा जिले के ग्राम उसरवाही के निवासी भोजराज ने कहा वे लॉकडाउन में फंसे हुए थे और गांव की याद आ रही थी। क्योंकि गांव अपना होता है और पराया शहर तो पराया ही होता है। अब छत्तीसगढ़ पहुंचने से उम्मीद जगी है कि वे अपने गांव पहुंच जाएंगे। उन्होंने बताया कि वे अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ तेलंगाना गए थे। घर वापसी के लिए वे भोलापुर रेल्वे स्टेशन से टे्रन में बैठे हैं। टे्रन में ही नाश्ता और खाने की व्यवस्था की गई थी और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए बैठाया गया था। उन्होंने घर आने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा की गई पहल के लिए उनका आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर एसडीएम राजनांदगांव मुकेश रावटे, जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग की टीम, पुलिस विभाग एवं रेल्वे पुलिस बल के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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