छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

खैरागढ़ : विक्रांत सहित सात भाजपा नेताओं पर एक ही प्रकरण में 45 दिन बाद दोबारा एफआईआर अनूठा मामला- फिर जोड़ी गई अजमानती धाराएं


खैरागढ़ – राजनादगांव जिला पंचायत उपाध्यक्ष व कद्दावर भाजपा नेता विक्रांत सिंह सहित मंडल अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, प्रफुल्ल ताम्रकार,आयस सिंह बोनी सहित अन्य 3 भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ़ नगर पालिका चुनाव के परिणाम के दिन वार्ड नम्बर 4 के विवादित फैसले के बाद हुए प्रदर्शन के बाद पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज किया गया था जिसमे गैर जमानती धाराएं लगाई गई थी निचले कोर्ट में पुलिस प्रशासन की जबरदस्त आपत्ति के बाद जमानत निरस्त होने से मामला उच्च न्यायालय में लंबित है सूत्रों के मुताबिक अभी उसी प्रकरण में डेढ़ महीने बाद फिर से दोबारा एफआईआर किया गया है और गैर जमानती धाराएं जोड़ी गई है कानून के जानकारों के अनुसार ये अपने आप मे अनूठा मामला है एक ही प्रकरण में दो बार एफआईआर छत्तीसगढ़ के संवैधानिक इतिहास में कभी नही हुआ वही कुछ बुद्धिजीवी इस प्रकरण को पूर्णता राजनीतिक से प्रेरित मान रहे है भाजपा नेताओं ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि आने वाले खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव को प्रभावित करने इसमें दोबारा एफआईआर किया गया है पाठकों को बता दें कि खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में विक्रांत सिंह की लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा से विधायक प्रत्यासी हेतु इनकी प्रबल दावेदारी बताई जा रही है गौरतलब है कि इसी तरह की घटना अभी गंडई नगर पंचायत में हुई है जिसमें भी 6 भाजपा नेताओं के खिलाफ प्रकरण के दो दिन बाद गैर जमानती धाराएं जोड़ी गई है कानून विदों के अनुसार दोनो मामलो में इतनी बड़ी धाराएं नही जोड़ी जा सकती है भाजपाइयों ने यह आरोप लगाया है कि पुलिस के पास कोई भी साक्ष्य नही होने से ये सभी मामले समाप्त हो जाएंगे पर अभी भाजपा नेताओ और कार्यकर्ताओं को बेवजह परेशान करने के लिए यह सभी कार्य किया जा रहा है।

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