छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

राजनांदगांव: कांग्रेेस पार्षद को बदनाम करने वाले वासनिक को निगम ने दिया पुरस्कार

मामले – सुनिता अशोक फडणवीस को क्‍याें हटाया चेयरमैन बाजार विभाग पद से ??

आयुक्‍त नगर निगम आशुतोष चतुर्वेदी को शहर अध्‍यक्ष कुलबीर छाबड़ा, निगम अध्‍यक्ष हरिनारायण धकेता व पार्षद सुनिता फडणवीस ने जांच कर कार्यवाही करने की मांग की थी

शहर अध्यक्ष , निगम अध्यक्ष , कांग्रेस पार्षद सुनीता फडणवीस ने आयुक्त से जांच की मांग की थी

राजनांदगांव. मुख्यमंत्री स्वालंबन योजना का जिन फिर सामने आया . पूर्व चेयरमैन व पार्षद सुनीता फड़नवीस ने मुखर होकर गरीबो के हित को लेकर निरन्तर आवाज उठाते रही वास्तविक हितग्राहियों को शासन की योजना का लाभ दिलाने के लिए संघर्ष की जिसके बदले महापौर ने उक्‍त पार्षद को चेयरमैन पद से बाहर कर दिया।

निगम की पूर्व चेयरमैन फड़नवीस अपने अधिकार के लिए लड़ती रही लेकिन उनकी एक नही सुनी गई । पार्षद का कहना है कि कमला कालेज के पास बनी मुख्यमंत्री स्वालंबन की दुकानों का निगम ने फर्जी तरिके से आबंटन किया. उनका कहना था कि धनश्याम वासनिक नेे बनी दुकान के पास जाकर अपना स्वयं का ताला लगा रहा था वहाँ पर उपस्थित दुकान दारों ने विरोध कर पूछताछ की तो उसने फड़नवीस ने भेजा है ऐसा कहा था ?

फडणवीस का नाम आने पर पार्षद सुनीता फड़नवीस ने संगठन के अध्‍यक्ष कुलबीर छाबड़ा , निगम अध्यक्ष हरिनारायण धकेता संघठन के अन्य पदाधिकारियों ने निगम आयुक्त आशुतोष चतुर्वेदी से जांच की मांग की आज लगभग 7 माह से ऊपर होने के बाद सत्ता पक्ष के कांग्रेस पार्षद को न्याय नही मिला साथ ही कांग्रेस के महापौर ने मेयर इन काउंसलिग से दमदार चेयरमैन सही आवाज उठाने वाली एवं गलत तरिके से आबंटित दुकान का विरोध करने पर बाहर कर दिया वहीं निगम व कलेक्टर की समिति ने बाकायदा गिप्ट में घनश्याम वासनकी को 23 नंबर की दुकान इनाम स्‍वरूप आबंटित कर दी है ऐसी जानकारी मिली है. .

मिली जानकारी के अनुसार वासनिक को फरहद चौक में व्यवसाय करना बताया गया है. पता चला है कि वह व्यक्ति उस क्षेत्र में कभी व्यवसाय नही करतेे पाया गया था उसे क्षेत्र के लोग भी नही पहचानते है. वह फरहद चौक में व्यवसाय कर रहा था तो उसी क्षेत्र में निगम द्वारा बनाए गए मुख्‍यमंत्री स्‍वालम्‍बन योजना की दुकान का आबंटन करना था । किन्तु निगम ने कमला कॉलेज के पास बने स्‍वालम्‍बन की दुकान को किस नियम के तहत आबं‍टन किया है? जांच होने पर बहुत सारे ऐसे फर्जी आबंटन की पोल खुलेगी.

सुुुुुनीता फडनवीस से पूूूूछने पर उन्होने कहा कि अगस्‍त सितम्‍बर में इस हेतु संगठन के साथ शिकायत की गई थी जानकारी में आने पर पता चला कि घनश्‍याम वासनिक की जांच न करके उन्‍हें दुकान आबंटन किया गया है. मैने नगर निगम आयुक्‍त को पुन: जांच के लिए ध्‍यान आकर्षण पत्र लिखी हूंं यह दुर्भाग्‍य है कि मेरे परिवार पर साजिश कर बदनाम करने की कोशिश की गई किन्‍तु झूठ कभी छूपता नहीं आज नहीं तो कल सामने आना ही था. मै धन्‍यवाद देती हूंं कि आपके माध्‍यम से मुझे जानकारी मिल रही है.

जब इस संबंध में आयुक्‍त से संपर्क करने की कोशिश की गई तो संपर्क नहीं हो पाया.

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