छत्तीसगढ़

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने की निरस्त करने की मांग; 9 मई को होगी अगली सुनवाई

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरम घाटी कांड के नए आयोग के गठन करने की वैधानिकता को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि जस्टिस प्रशांत मिश्रा की आयोग ने जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी है, जिसे 6 माह के भीतर विधानसभा में रखा जाना था। लेकिन, सरकार ने रिपोर्ट सार्वजनिक किए बिना ही नया आयोग गठित कर दिया है। इस याचिका पर 9 मई को सुनवाई होगी।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अपने अधिवक्ता विवेक शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में बताया है कि पूर्व में राज्य सरकार ने झीरम घाटी कांड की जांच के लिए हाईकोर्ट के जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। तब से आयोग पिछले आठ साल से इस मामले की सुनवाई कर रही थी। जांच पूरी होने के बाद जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने चीफ जस्टिस बनने के पहले अपनी जांच रिपोर्ट राज्य शासन को सौंप दी है। कानून के अनुसार किसी आयोग की जांच रिपोर्ट को छह माह के भीतर विधानसभा में प्रस्तुत कर सार्वजनिक किया जाना चाहिए। लेकिन, सरकार ने ऐसा नहीं किया। बल्कि, राज्य शासन ने करीब पांच माह पहले दो सदस्यीय रिटायर्ड जस्टिस सुनील अग्निहोत्री और जस्टिस मिन्हाजुद्दीन के न्यायिक जांच आयोग का गठन कर दिया है।

धरमलाल कौशिक

धरमलाल कौशिक

नए आयोग को निरस्त करने की मांग
याचिका में कहा गया है कि जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग की जांच रिपोर्ट को विधानसभा में रखा जाए और उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक की जाए। इसके साथ ही यह भी मांग की गई है कि एक जांच आयोग जिस मामले की जांच कर चुकी है, उसकी दोबारा जांच के लिए नया आयोग नहीं बनाया जा सकता। लिहाजा, नए आयोग को निरस्त किया जाए।

आज होनी थी सुनवाई, अब 9 मई को होगी सुनवाई
इस जनहित याचिका की सुनवाई आज जस्टिस गौतम भादुड़ी व जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच में होनी थी। प्रकरण में याचिकाकर्ता नेता प्रतिपक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट महेश जेठमलानी आने वाले थे। लेकिन, वे नहीं आ पाए। इसके चलते मामले की सुनवाई नहीं हो पाई। अब इस मामले की सुनवाई 9 मई को होगी।

क्या है चर्चित झीरम घाटी हत्याकांड

25 मई 2013 को विधानसभा चुनाव से ठीक पहले झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर नक्सलियों ने हमला किया था। इस हमले में तत्कालीन PCC चीफ नंदकुमार पटेल उनके बेटे दिनेश, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा सहित 25 से अधिक नेताओं और लोगों की हत्या की गई थी।

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