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प्रशांत किशोर बोले- तीसरे,चौथे मोर्चे का कोई चांस ही नहीं, BJP को हराना है तो…..

नई दिल्‍ली, 30 अप्रैल: रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने चंद दिन पहले साफ कर दिया कि वो कांग्रेस ज्‍वाइन नहीं करेंग। प्रशांत किशोर जिनकी मदद से अ‍ब तक कुछ राज्‍यों में कई राजनीतिक पार्टियों ने जीत हासिल की है वही चुनावी रणनीतिकार प्रशांत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को 2024 के आम चुनाव में तीसरे मोर्चे के रूप में उभरने में मदद कर रहे हैं लेकिन अब उन्‍होंने अब ये कह दिया है कि उन्हें विश्वास नहीं है कि कोई तीसरा या चौथा मोर्चा देश में चुनाव जीत पाएगा और अगर कोई पार्टी भाजपा को हराना चाहती है तो उसे दूसरे मोर्चे के रूप में उभरना होगा।

प्रशांत किशोर ने ये बात एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कही जब उनसे पूछा गया कि क्या वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को 2024 के आम चुनाव में तीसरे मोर्चे के रूप में उभरने में मदद कर रहे हैं।

देश में कोई तीसरा या चौथा मोर्चा चुनाव जीत सकता है

प्रशांत किशोर ने कहा “मैंने कभी नहीं माना था कि इस देश में कोई तीसरा या चौथा मोर्चा चुनाव जीत सकता है। अगर हम भाजपा को पहला मोर्चा मानते हैं, तो उसे पार्टी को हराने के लिए दूसरा मोर्चा होना चाहिए। अगर कोई पार्टी भाजपा को हराना चाहती है, तो उसने दूसरे मोर्चे के रूप में उभरना होगा।

क्‍या वो दूसरा मोर्चा कांग्रेस होगी, जानें पीके का जवाब

प्रशांत किशोर से जब पूछा गया कि क्या वह कांग्रेस को दूसरा मोर्चा मानते हैं, तो उन्होंने कहा कि नहीं, यह कहते हुए कि कांग्रेस देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी

कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से इनकार

बता दें प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया। दरअसल पीके की ओर से दिए गए प्रेजेन्टेशन और उनके साथ विचार-विमर्श करने के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024 का गठन किया था। कांग्रेस ने उन्हें इसमें शामिल करने का प्रस्ताव देकर पार्टी के मिशन 2024 के लिए काम करने की पेशकश की थी। लेकिन सोनिया गांधी ने ये साफ कर दिया था कि अगर प्रशांत किशोर पार्टी में शामिल होते हैं तो उन्हें कोई विशेष ट्रीटमेंट नहीं दी जाएगी। वहीं प्रशांत पूरी छूट के साथ कांग्रेस में काम करने की आजादी चाहते थे। साथ ही कुछ नेताओं को उनके दूसरी राजनीतिक पार्टियों के लिए काम करने पर भी आपत्ति थी।

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