छत्तीसगढ़

धमतरी : गोधन न्याय योजना की विकासखण्डवार साप्ताहिक समीक्षा करने कलेक्टर ने दिए निर्देश

कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर योजना की सूक्ष्म कार्ययोजना तैयार करने पर दिया जोर

प्रदेश शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की प्रगति की समीक्षा करने आज सुबह कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें उन्होंने प्रत्येक सप्ताह विकासखण्डवार समीक्षा करने और आंकड़ों को अद्यतन करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने गौठानों में बाड़ी विकास, जी मैप एण्ट्री, वर्मी उत्पादन एवं विक्रय सहित अन्य आजीविकामूलक गतिविधियों की जानकारी ब्लॉकवार ली। अब तक की प्रगति पर उन्होंने असंतोष जारी करते हुए मैदानी स्तर के अधिकारियों की लगातार बैठक लेकर समीक्षा करने उप संचालक कृषि को निर्देशित किया।
    आज सुबह 9.30 बजे से कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने सख्त लहजे में कहा कि गोधन न्याय योजना का मैदानी स्तर पर समुचित ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है, विभाग के अधिकारी इस पर गम्भीरता से ध्यान दें अन्यथा संबंधितों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही वांछित जानकारियों को अपडेट करने के लिए कलेक्टर ने निर्देशित किया। बैठक में जिला पंचायत की सी.ई.ओ. श्रीमती प्रियंका महोबिया ने गौठान मैप की समीक्षा करते हुए कहा सभी स्वीकृत गौठानों में जीमैप एंट्री अनिवार्यतः पूरा कराना है और उसमें वास्तविक जानकारी ही अपलोड करें, जिससे जिले की प्रगति का अवलोकन राज्य स्तर के अधिकारी कर सकें। उप संचालक कृषि ने बैठक में बताया कि नगरी विकासखण्ड में स्वीकृत 51 में से 49 गौठानों की जीमैप एंट्री पूरी हो चुकी है। इसी तरह मगरलोड के 55 में से 52, धमतरी में 88 में से 85 और कुरूद में सभी 79 स्वीकृत गौठानों की जीमैप एंट्री पूर्ण की जा चुकी है। वर्मी कम्पोस्ट की समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 262 सक्रिय गोठानों में अब तक 20163.51 क्विंटल गोबर ग्रामीणों से क्रय किया गया है जिससे 60216.86 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया गया है और 41488.06 क्विंटल वर्मी खाद बेचा गया है। तैयार की गई वर्मी खाद में से 18728.80 क्विंटल का विक्रय किया जाना शेष है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में स्थित सात गौठानों की भी समीक्षा बैठक में की गई। इस पर कलेक्टर ने आगामी खरीफ फसल के लिए जिले के अधिक से अधिक किसानों को जोड़ने के लिए सतत् प्रोत्साहित एवं प्रेरित करने के निर्देश दिए। साथ ही वर्मी खाद के विक्रय मंे और तेजी लाने और गौठानों जुड़े समूहों को गोबर खरीदी के अलावा पशुपालन, मछलीपालन और उद्यानिकी विभाग से संबद्ध आयमूलक गतिविधियों संचालित करने के लिए निर्देशित किया।   

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