हाई कोर्ट के आदेश का निगम अफसर उड़ा रहे धज्जियां
हाई कोर्ट के निर्देश के परिपालन में राज्य शासन के अधिकारी किस तरह लापरवाही बरत रहे हैं इसका ताजा उदाहरण बिलासपुर नगर निगम है। डेढ़ साल पहले तत्कालीन चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने सचिव नगरीय प्रशासन विभाग व बिलासपुर नगर निगम के आयुक्त को निर्देश जारी किया था कि याचिकाकर्ता को सफाई ठेके के लिए जारी निविदा की प्रक्रिया में शामिल करें। निर्देश के बाद भी निगम आयुक्त सहित आला अधिकारियों ने अमल नहीं किया है।
दिग्दर्शी महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष रेखा वर्मा ने अपने वकील के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जोनवार सफाई ठेके के लिए निविदा निकाली गई थी। उसने भी एक जोन में सफाई कार्य के लिए निविदा जारी की थी। सफाई के ठेके में कुछ खास ठेकेदारों द्वारा कारटेल बनाकर काम किया जा रहा है और निविदा भरने से पहले आपस में समझौता भी कर लेते हैं। मनमाफिक रेट भरकर ठेका अपने कब्जे में कर लेते हैं। इससे निगम को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।
निगम के अफसर राजनीतिक दबाव के चलते आर्थिक नुकसान के बाद भी उन्हीं ठेकेदारों को सफाई ठेका दे दिया है जिन्होंने निविदा में सबसे ज्यादा रेट पर काम करने की सहमति दी थी। दिग्दर्शी महिला स्व सहायता समूह की याचिका की सुनवाई तत्कालीन चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच में हुई थी।
बेंच ने सचिव नगरीय प्रशासन विभाग व नगर निगम बिलासपुर के आयुक्त को याचिकाकर्ता को निविदा की प्रक्रिया में शामिल करने और तय नियमों व मापदंड के अनुसार सफाई ठेके की प्रक्रिया को पूरी करने के निर्देश दिए थे। डिवीजन बेंच के निर्देश पर निगम के अफसरों ने आजतक कार्रवाई नहीं की है।
प्रमाण पत्र पेश करने रख दी शर्त
याचिकाकर्ता दिग्दर्शी महिला स्व सहायता समूह की ओर से वर्ष 2020 में निगम के एक जोन में सफाई के लिए निविदा जमा की गई थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने जीएसटी प्रमाण पत्र पेश करने और लेबर लाइसेंस जारी करने की शर्त रखी गई थी। याचिकाकर्ता ने बताया कि वर्क आर्डर जारी होने के बाद लाइसेंस जमा करने की प्रक्रिया पूरी की जाती है। जीएसटी प्रमाण पत्र पेश करने के बाद भी नियमों का हवाला देते हुए ठेके की प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को इस बात की भी जानकारी दी थी कि अनुभव प्रमाण पत्र पेश करने के बाद भी अफसरों ने अमान्य कर दिया।
निगम के सफाई ठेके में ठेकेदारों के बीच गोलबंदी का खेल भी लंबे समय से चले आ रहा है। आपस में कारटेल बनाकर पुराने नियमों व शर्तों के आधार पर राजनीतिक दबाव डालकर ठेके की प्रक्रिया को पूरी कराते आ रहे हैं। पुराने ठेकेदार नए ठेकेदारों को आना देना नहीं चाहते। यही कारण है कि निविदा के दौरान पूरे समय अपनों के बीच ठेका बांटने का खेल करते हैं। ठेकेदार आपसी सांठगांठ से अपनों के बीच सफाई ठेके को बांट लेते हैं।
डिवीजन बेंच ने इन अफसरों को जारी किया था नोटिस
सचिव नगरीय प्रशासन विभाग, कलेक्टर बिलासपुर, निगम आयुक्त बिलासपुर नगर निगम, जोन कमिश्नर जोन क्रमांक छह बिलासपुर नगर निगम।