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ईडी ने की सोनिया गांधी से दो घंटे पूछताछ, उनके साथ राहुल गांधी व प्रियंका गांधी भी थे

नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड धनशोधन मामले में बृहस्पतिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से दो घंटे तक पूछताछ की। दूसरी ओर, गांधी से पूछताछ के विरोध में पूरे देश में कांग्रेस पार्टी ने शक्ति प्रदर्शन किया और नेताओं ने गिरफ्तारियां दीं।

अधिकारियों ने बताया कि कोविड से उबर रहीं सोनिया गांधी (75) से पूछताछ करीब दो घंटे चली और उनके अनुरोध पर पूछताछ सत्र समाप्त कर दिया गया। कुछ दिन में उन्हें अगले दौर की पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है।

कोविड-19 नियमों को ध्यान में रखते हुए पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान मौजूद सभी के पास कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं होने का प्रमाण पत्र था।

सोनिया गांधी से भी उसी सहायक निदेशक-स्तर के जांच अधिकारी ने पूछताछ की, जिसने इस मामले में राहुल गांधी से पूछताछ की थी। यह जांच कांग्रेस से जुड़ी ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है। ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी के पास नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र का मालिकाना हक है। पूछताछ टीम में महिला अधिकारी भी शामिल थी।

संसद में भी कांग्रेस अध्यक्ष को तलब किए जाने के मामले की गूंज सुनाई दी। विपक्षी नेताओं ने यह मामला उठाया और दूसरी तरफ सड़कों पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किए।

गांधी ‘जेड प्लस’ सुरक्षा घेरे के बीच दोपहर के समय मध्य दिल्ली में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम रोड पर विद्युत लेन में स्थित संघीय जांच एजेंसी के मुख्यालय पहुंची थीं।

सोनिया के साथ उनके बेटे राहुल गांधी व बेटी प्रियंका गांधी भी थे।

प्रियंका गांधी को ‘प्रवर्तन भवन’ मुख्यालय में ठहरने की अनुमति दी गई है ताकि स्वास्थ्य समस्या होने की स्थिति में वह अपनी मां के साथ रहें और उन्हें दवाएं दे सकें। उन्हें पूछताछ कक्ष से दूर रखा जाएगा। राहुल बाद में वहां से चले गए।

सोनिया गांधी की पेशी से पहले दिल्ली पुलिस ने गांधी के जनपथ स्थित आवास और ईडी कार्यालय के बीच एक किलोमीटर के रास्ते पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया था। इलाके के आसपास यातायात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था।

पार्टी ने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ एजेंसी की कार्रवाई की आलोचना की है और इसे ”राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘विषगुरु के राजनीतिक प्रतिशोध का सामना कर रहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए सभी कांग्रेस सांसदों एवं सीडब्ल्यूसी सदस्यों ने पार्टी मुख्यालय के बाहर सामूहिक गिरफ़्तारी दी। हमें किंग्सवे कैंप पुलिस थाने में जाया गया।’’

रमेश की पार्टी के साथी पी. चिदंबरम ने कहा कि ईडी उच्चतम न्यायालय से ऊपर नहीं है।

चिदंबरम ने कहा, ”ईडी ऐसी कौन सी ‘जांच’ करना चाहती है, जो उच्चतम न्यायालय नहीं कर सकता।”

अन्य विपक्ष नेताओं ने भी कांग्रेस के प्रदर्शन का समर्थन किया। द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), और वाम दलों समेत 13 पार्टियों के नेताओं ने एक बयान जारी किया, जिसमें सरकार पर “जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करके राजनीतिक विरोधियों व आलोचकों के खिलाफ प्रतिशोध का अभियान” चलाने का आरोप लगाया।

राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा कि वह राजनीतिक नेताओं को अपमानित करने के ईडी के व्यवहार की कड़ी निंदा करते हैं।

शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘भाजपा का ‘एक्सटेंडेड डिमार्टमेंट’ (ईडी) महंगाई, बेरोजगारी को लेकर लोगों में उपजे गुस्से से पार्टी को फिर बचा रहा है। बिना किसी सबूत के विपक्षी नेताओं को बार-बार बुलाया जाना राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है।’’

इस मुद्दे की गूंज संसद में भी सुनाई दी, जहां कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मामले को उठाया।

इस बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने रोष प्रकट करते हुए पूछा कि विपक्षी दल क्या मानता है कि कानून की नजर में सभी एक हैं या नहीं।

उन्होंने पूछा, ”वह कांग्रेस अध्यक्ष हैं तो क्या ‘सुपर ह्यूमन’ है?”

कांग्रेस प्रमुख को इससे पहले आठ जून और 23 जून को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित होने के चलते वह पेश नहीं हो पाई थीं। एजेंसी धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत उनका बयान दर्ज करेगी। उनके बयान को ऑडियो-वीडियो माध्यम से रिकॉर्ड किया जाएगा।

यह जांच कांग्रेस से जुड़ी ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है। ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी के पास नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र का मालिकाना हक है।

एजेंसी ने सोनिया गांधी के बेटे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से पिछले महीने पांच दिन के दौरान 50 घंटे से अधिक समय तक इस मामले में पूछताछ की थी।

सोनिया, राहुल से पूछताछ की कार्रवाई पिछले साल के आखिर में ईडी द्वारा धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत एक नया मामला दर्ज करने के बाद शुरू की गई। इससे पहले, एक निचली अदालत ने 2013 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा दायर एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर यंग इंडियन के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिया था।

सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन के प्रवर्तकों और बहुलांश शेयरधारकों में से हैं। अपने बेटे की तरह कांग्रेस अध्यक्ष की भी कंपनी में 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

स्वामी ने सोनिया, राहुल और अन्य पर धोखाधड़ी और धन का गबन करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था और कहा था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) पर कांग्रेस का बकाया था।

पिछले साल फरवरी में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्वामी की याचिका पर प्रतिक्रिया के लिए गांधी परिवार को नोटिस जारी किया था। ईडी ने अप्रैल में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और पवन बंसल से इस मामले में पूछताछ की थी।

कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि कोई गलत काम नहीं हुआ है और ‘यंग इंडियन’ कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत स्थापित एक “गैर-लाभकारी” कंपनी है और इसलिए धनशोधन का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता।

बताया जाता है कि ईडी के समक्ष अपने बयान के दौरान राहुल गांधी इस बात पर अड़े रहे थे कि उन्होंने खुद या उनके परिवार ने संपत्ति का कोई निजी अधिग्रहण नहीं किया था।

ईडी के अनुसार, लगभग 800 करोड़ रुपये की संपत्ति एजेएल के पास है। ईडी गांधी परिवार से जानना चाहती है कि ‘यंग इंडियन’ जैसी गैर-लाभकारी कंपनी अपनी जमीन और भवन संपत्ति को किराए पर देने की व्यावसायिक गतिविधियों को कैसे अंजाम दे रही थी।

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