मध्य प्रदेश

प्रमोशन न होने से खाली पद प्रभार के भरोसे, सशर्त पदोन्नति मांगी

 

भोपाल

मध्यप्रदेश विधानसभा में लंबे समय से पदोन्नति नहीं होंने के कारण सचिव, अपर सचिव, से लेकर नीचे तक के कई पद खाली पड़े है। इन पदो का काम प्रभारियों के भरोसे चलाया जा रहा है। विधानसभा कर्मचारियों ने विधानसभा अध्यक्ष से विधानसभा मे सशर्त पदोन्नति दिए जाने की मांग की है।

विधानसभा सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष धनश्याम सिंह, सचिव चंद्रशेखर राय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा प्रमुख सचिव एपी सिंह से मुलाकात कर उन्हें विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित एक ज्ञापन सौपकर विधानसभा में अधिकारियों के सेवानिवृत्त होंने के कारण रिक्त होते जा रहे पदों पर सशर्त पदोन्नति दिएजाने की मांग की है। कर्मचारियों का कहना है कि विधानसभा सचिवालय में पूर्व में अधिकारियों-कर्मचारियों को एक पद उपर का प्रभार दिया गया है। सभी अपने पदों पर अपनी जिम्मेदारियों का निष्ठा से निर्वहन कर रहे है।विधानसभा सचिवालय में अधिकारियों और कर्मचारियों के सभी संवर्गो में अनेक पद रिक्त है। लगातार अधिकारी कर्मचारी बिना पदोन्नति सेवानिवृत्त हो रहे है। सर्वोच्च न्यायालय में अभी पदोन्नति का मामला विचाराधीन है इसलिए इन पदों पर सशर्त पदोन्नति दी जाए।

प्रथम श्रेणी के अधिकारियों की हो रही पदोन्नति
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने  21 जुलाई 201 को ताराकिंत प्रश्न के जरिए कर्मचारियों की पदोन्नति के संबंध मे चर्चा की थी। इस पर  गोपाल भार्गव,डा गोविंद सिंह, विजयलक्ष्मी साधौ ने भी अपने विचार व्यक्त किए थे।उस समय तत्कालीन अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति द्वारा दी गई व्यवस्था में कहा था कि मंत्री यह बताए कि क्या रोस्टर प्रथम श्रेणी के अधिकारियों के लिए लागू नहीं है और अगर है तो उनकी पदोन्नति कैसे हो रही है। नियम सभी श्रेणियों के लिए समान होना चाहिए।

स्वास्थ्य विभाग,न्यायपालिका की तर्ज पर मिले प्रमोशन
विधानसभा कर्मचारियों का कहना है जिस तरह न्यायपालिका और स्वास्थ्य विभाग में सशर्त पदोन्नतियां दी जा रही है उसी तरह विधानसभा सचिवालय में भी सशर्त पदोन्नति दी जाए ताकि कर्मचारियों को वेतनमान और ग्रेड पे का लाभ मिल सके।

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