छत्तीसगढ़महासमुन्द जिला

महासमुंद : विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर रैली निकाल कर पर्यावरण और हरियाली के प्रति जनता को किया गया जागरूक

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर स्वामी आत्मानंद स्कूल  परिसर में पौधा रोपणपर्यावरण और हरियाली बचाने के लिए आम जनता अपना योगदान देने बढ़चढ़ कर आगे आए : संसदीय सचिवमहासमुंद, 05 जून 2023महासमुंद में आज सोमवार विश्व पर्यावरण दिवस के मौकेे पर रैली और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये पर्यावरण और हरियाली के प्रति लोगों को जागरूक करने का संदेश दिया गया। जिला मुख्यालय महासमुंद में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में वन विभाग के वन सुरक्षा कर्मचारियों ने रैली निकाली। जो वन विद्यालय से शुरू होकर उच्चतर माध्यमिक  विद्यालय ( स्वामी आत्मानंद स्कूल हिन्दी) तक गयी।    संसदीय सचिव व विधायक विनोद चंद्राकर ने स्कूल परिसर में पौधा रोपण किया। इसके बाद स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल जाकर परिसर में भी पौधा रोपण किया। साथ में  नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती राशि महिलांग,  दाऊलाल चंद्राकर, वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत ने जनप्रतिनिधियों, नागरिकों से भी पौधे लगाये।  संसदीय सचिव श्री विनोद चंद्राकर ने कहा कि पर्यावरण और हरियाली बचाने के लिए सरकार अपना काम कर रही है।  साथ ही आम जनता को भी इसमें योगदान देना होगा।  उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि विकसित होते शहर के कारण हरियाली कम और कंक्रीट के जंगल बढ़ते जा रहे हैं। इसके कारण प्रदूषण के मामले में बढ़ोतरी हो रही है। यदि हम ने समय रहते कुछ नहीं किया तो आने वाले कुछ सालों में साफ हवा में सांस लेने के लिए तरस जाएंगे। नई पीढ़ी पर इसका असर भी दिखेगा। आज विश्व पर्यावरण दिवस है, ऐसे मौके पर हम सभी को कोई ऐसा प्राण लेना चाहिए जो आने वाली पीढ़ियों को साफ सुथरी हवा देने में मददगार हो सके। घटती हरियाली को बढ़ाने के लिए वृक्षारोपण किया जाए। हर व्यक्ति को कम-से कम एक पेड़ लगाना चाहिए। घरों के आसपास, कॉलोनी मोहल्लों के बगीचों में, सड़कों के किनारों के दोनों और खेतों की बागड़ पर, गांवों की कांकड़ पर, पोखर के ईर्द गिर्द, नदी नालों के किनारे, पहाड़ों की ढलानों पर कहीं भी पेड़ लगाए जा सकते है।      मालूम हो कि विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 में की गई थी। इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था।

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