छत्तीसगढ़राजनांदगांव जिला

राजनांदगांव : गायत्री विद्यापीठ में ‘‘इनोवेटिव लर्निंग’’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन शाला की पूर्व छात्रा वैशाली खण्डेलवाल का प्रभावी मार्गदर्शन

राजनांदगांव। समय-समय पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हेतु विद्यालय द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले की प्रतिष्ठित शाला गायत्री विद्यापीठ में शाला की प्राचार्य श्रीमती वत्सला अय्यर के मार्गदर्शन में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका था- ‘‘इनोवेटिव लर्निंग पे्रक्टिस’’ जिस पर विद्यालय की पूर्व छात्रा वैशाली खण्डेलवाल का महत्वपूर्ण सुझाव शिक्षकों को प्रभावी तरीके से प्रदान किया गया।
जिसमें पढ़ाई का यह तरीका न केवल सीखने की क्षमता में सुधार लाता है, बल्कि स्टुडेंट का स्कोर भी इस तरीके से बेहतर होता है। विद्यार्थी आजीवन इस तरीके से प्राप्त शिक्षा को भूलता नहीं और निरंतर अपनी उन्नति करता रहता है। छात्रा वैशाली द्वारा इस कार्यशाला में बताया गया कि विद्यार्थियों को सीखाने के विभिन्न तरीकों का उपयोग कर हम उनका ध्यान पढ़ाई पर केन्द्रित कर सकते है। इस विधि से कमजोर से कमजोर बच्चा भी आसानी से शिक्षा ग्रहण कर आगे बढ़ता है। इस दिशा में उनके द्वारा विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से प्रोजेक्टर एवं अनेक प्रसंगों द्वारा इसे बताया गया। आरंभ से लेकर अंत तक इस कार्यशाला की रोचकता बनी हुई थी। जिसमें बड़ी संख्या में विद्यालय के शिक्षक शामिल होकर इस कार्यशाला का लाभ उठाते रहें। अंत में इस विषय पर कक्षा में आने वाली विभिन्न बाधाओं का समाधान शिक्षकों ने प्रश्नोत्तरी के माध्यम से पाया।
स्वागत भाषण शाला की प्राचार्य श्रीमती वत्सला अय्यर द्वारा दिया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षक वैशाली खण्डेलवाल (मुंस्टर टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, केरी (आयरलैंड) की शोधार्थी छात्रा का सारगर्भित परिचय देते हुए कहा कि आज हम सबके लिए गर्व की बात है कि हमारी शाला की भूतपूर्व छात्रा हमारा मार्गदर्शन कर रही है। ऐसी शिक्षा, ऐसे संस्कार इस विद्यालय से प्राप्त किया है और उन्होंने इस ऊंचाईयों को छूआ है। कार्यशाला के अंत में प्रशिक्षक वैशाली खण्डेलवाल का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। आभार प्रदर्शन उप प्राचार्य श्रीमती रश्मि ठाकुर द्वारा किया गया। उक्त कार्यशाला में शाला की प्राचार्य श्रीमती वत्सला अय्यर, श्री अनुराग वर्मा, उपप्राचार्य श्रीमती रश्मि ठाकुर, श्रीमती वंदना डुंभरे एवं समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे। उक्त जानकारी शाला की व्याख्याता श्रीमती उषा झा ने दी।

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