मध्य प्रदेश

निगम की फायर शाखा को हर साल अपडेट करने में करोडो खर्च, फिर भी आग बुझाने में अमले की फूल जाती सांसें

भोपाल

शहर में कहीं भी बड़ी आगजनी की घटना होती है तो निगम की फायर शाखा के अमले की सांसें फूल जाती है। ज्ञात हो कि कुछ समय पहले सतपुड़ा भवन में लगी आग को काबू करने के लिए अर्मी को बोलना पड़ा था। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम फायर शाखा का अमला कितना काबिल है। जो बड़ी आग लगने पर कुछ खास नहीं कर सका।

शहर में इससे पहले भी कई बार बड़ी आग लगी उधर भी भेल और पुलिस की दमकलों ने आकर सहयोग किया। जबकि इस शाखा को अपडेट रखने के लिए सालाना करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। निगम प्रशासन ने डे टू डे लगने वाली सामग्री की खरीदी के लिए 1 करोड़ 35 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। यह देखकर कहना गलत नहीं होगा कि उपकरणों की खरीदी बराबर हो रही है, लेकिन आग लगने पर अमला फिसड्डी साबित होता है।

300-400 उपकरणों की खरीदी
फायर शाखा में 1 करोड़ 35 लाख से होने वाली सामग्री खरीदी में 300-400 उपकरणों को खरीदा जाएगा। इसमें अधिकांश वजह चीजें हैं। जो डे टू डे लगती है। इसमें पाइप, फायर फाइटर सहित कई तरह के कामों में आने वाले नए बोल्ट हैं। जिनको खरीदा जा रहा है। इसके अलावा कई प्रकार के रिपयेरिंग पार्टस खरीदे जाएंगे।

खरीदी में गड़बड़ी के आरोप
इतनी मोटी रकम से फायर उपकरणों को खरीदा जा रहा है।  हाल ही में इस खरीदी के लिए टेंडर जारी किए गए हैं। इस टेंडर के जरिए इक्यूपमेंट की रिपेयरिंग और रिपेयरिंग पार्ट्स को खरीदा जाना है। कई बार इस खरीदी में गड़बड़ी के आरोप भी लगतेहैं।

आग लगने पर खड़ी रही 5 करोड़ 40 लाख की मशीन
बुहमंजिला इमारतों में लगी आग को काबू करने के लिए नगर निगम ने 5 करोड़ 40 लाख की हाईड्रोलिक मशीन खरीद। जो सतपुड़ा भवन में लगी आग को बुझाने में किसी काम नहीं आई। यह मशीन मौके पर खड़ी रही। भेल, पुलिस, और आर्मी की दमकलों ने इस भीषण आग को काबू करने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।

300-400 उपकरण हैं। जिनको खरीदा जाना है। यह इतने सारे हैं कि सभी के नाम बता पाना मुश्किल है।
रामेश्वर नील, फायर ऑफिसर, बीएमसी

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