मध्य प्रदेश

फीस कमेटी के अध्यक्ष रविंद आर कान्हेंरे का कार्यकाल समाप्त, दोबारा मिल सकती है कमान

भोपाल

प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति का अध्यक्ष बनने के लिए मुख्यमंत्री निवास पर होड़ लगना शुरू हो गई है। क्योंकि आज वर्तमान अध्यक्ष रविंद्र रामचंद्र कान्हेरे का कार्यकाल पूर्ण हो रहा है। अध्यक्ष बनने की होड़ में चार पूर्व कुलपति लगे हुए हैं। इसके पहले पूर्व के अध्यक्ष भी अपना भाग्य आजमा सकते हैं। 

फीस कमेटी को वर्तमान में फर्जीवाडे में फंसे नर्सिंग कॉलेजों के साथ मेडिकल कॉलेजों की फीस निर्धारित करना है। फीस और फर्जीवाडे का मामला सुलझा पाते उसके पहले आज अध्यक्ष रविंद आर कान्हेंरे का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। ऐसे में अब नये अध्यक्ष को बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी। अध्यक्ष की नियुक्ति मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को करना है। और अध्यक्ष किसी भी विश्वविद्यालय का सिर्फ पूर्व कुलपति ही बन सकता है। इसलिये मुख्यमंत्री निवास पर चार पूर्व कुलपति की होड़ शुरू हो गई है।

पुरा हो रहा है कान्हेरे का कार्यकाल
वर्तमान अध्यक्ष कान्हेरे का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है। सीएम चौहान उन्हें दोबारा से अध्यक्ष बनाकर दूसरी पारी खेलने की जिम्मेदारी दे सकते हैं। अध्यक्ष बनने के लिए कतार में लगे पूर्व चार पूर्व कुलपति भी अपना बायोडाटा सीएम हाऊस में प्रस्तुत कर चुके हैं, लेकिन वे कान्हेरे का प्रभाव के आगे ज्यादा असरकारक साबित नहीं हुए हैं।

आज होगी घोषणा तो कल देना होगी ज्वाइनिंग
सीएम चौहान आज नये अध्यक्ष की नियुक्ति कर देते हैं, तो नये अध्यक्ष को अपना पदभार कल शनिवार को ग्रहण करना होगा। क्योंकि अध्यक्ष की कुर्सी को एक दिन के लिए भी रिक्त नहीं रखा जा सकता है।

बीयू का संबद्धता शुल्क बढ़ाने पर विरोध
राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक में लिए गए निर्णय और राज्य शासन के निर्देश के बाद बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी ने सत्र 2023-24 से अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेस की संबद्धता शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है। बीएड और एमबीए जैसे पाठ्यक्रमों के शुल्क में 10 गुना से ज्यादा की वृद्धि हुई है। ऐसे में एसोसिएशन आॅफ टेक्निकल प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट (एटीपीआई) ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है। बढ़ी हुई फीस कॉलेज संचालक भी छात्रों से लेंगे। ऐसे में छात्रों पर आर्थिक भार पड़ेगा। पिछले साल तक बीएड के लिए 60 सीटों पर संबद्धता शुल्क 20 हजार था। जो अब 2 लाख कर दिया है। एमबीए की फीस 50 हजार थी।

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