छत्तीसगढ़सुकमा जिला

सुकमा में नक्सल दंपती ने किया समर्पण, एक पर था एक लाख का इनाम, बीजापुर में भी सरेंडर

सुकमा में एक नक्सल दंपती ने सरेंडर कर दिया है। पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि एक नक्सली दंपती, जिनमें से एक को पकड़वाने के लिए सूचना देने वाले को एक लाख रुपये का नकद इनाम दिया गया था, ने सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। 

पुलिस के अनुसार, जोड़े ने प्रतिबंधित वामपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं के भीतर भेदभाव का सामना करने के बाद आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली जोड़े की पहचान मुचाकी गाले और मुचाकी भीमा के रूप में की गई, है। अनुविभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीओपी) तोंगपाल तोमेश वर्मा ने बताया कि महिला नक्सली कैडर के सिर पर 1 लाख रुपये का नकद इनाम था।

उधर, नक्सलियों की गंगालूर एरिया कमेटी के तीन नक्सलियों ने छग की पुर्नवास व आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर नक्सल पंथ से तौबा कर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

शुक्रवार को बीजापुर में एसपी आंजनेय वार्ष्णेय व अन्य पुलिस के आला अफसरों के सामने गंगालूर एरिया कमेटी के जनमिलिशिया कमांडर सन्नू पुनेम उर्फ रमेश, पिता मासा पुनेम उम्र 35 टोटापारा बुरजी थाना गंगालूर, आरपीसी बुरजी डीएकेएमएस सदस्य सोनू पुनेम, पिता मासा पुनेम, उम्र 44 टोटा पारा थाना गंगालूर व आरपीसी पुसनार संघम सदस्य आयतु पुनेम पिता, पांडु पुनेम उम्र 49 निवासी पुसनार थाना गंगालूर ने समर्पण कर दिया। 

बाताया कि माओवादियों की खोखली विचारधारा, भेदभाव पूर्ण व्यवहार व उपेक्षा व प्रताड़ना से तंग आकर व छग शासन की पुनर्वास व आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर सरेंडर कर दिया। आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास व आत्मसमर्पण नीति के तहत 25000 – 25000 हजार रुपये नगद प्रोत्साहन राशि दी गई। 

बता दे कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में सन्नू पुनेम वर्ष 2005 से वर्ष 2019 तक की कई घटनाओं में शामिल था। सोनू पुनेम वर्ष 2009 से 2010 तक घटनाओं में शामिल रहा। वही आयतु पुनेम 1998 से 2010 तक कि 6 घटनाओं में शामिल था।

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