छत्तीसगढ़दन्तेवाड़ा जिला (दक्षिण बस्तर)

नीति आयोग ने जारी की आकांक्षी जिलों की स्वास्थ्य एवं पोषण की डेल्टा सूची, दन्तेवाड़ा ने बनाया शीर्ष स्थान

  दंतेवाड़ानीति आयोग ने देश भर के आकांक्षी जिलाओं में स्वास्थ्य एवं पोषण की जुलाई माह की डेल्टा रैंकिंग जारी की है। जिसमें दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा ने प्रथम स्थान हासिल किया है। विगत माह की अपेक्षा माह जुलाई में जिले को विभिन्न स्वास्थ्य सूचकांक में बढ़त मिली जिनमें संस्थागत प्रसव, गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, पूर्ण टीकाकरण, टीबी मरीजों का पूर्ण ईलाज, एनीमिक महिलाओं का ईलाज, पूरक पोषण कार्यक्रम प्रमुख रहीं साथ ही जिले में कोविड काल में भी नही रुकी नान कोविड सुविधाएं ।जिसके परिणामस्वरूप आकांक्षी जिलाओं के डेल्टा रैंकिंग में दंतेवाड़ा पहले पायदान पर रहा। उम्दा नेतृत्व क्षमता और बेहतर कार्ययोजना से ये सम्भव हो सका है।जिला के युवा कलेक्टर दीपक सोनी ने जब से दंतेवाड़ा में अपना कार्यभार सम्हाला है, उनकी प्राथमिकता जिले में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, रोजगार आदि को बेहतर कर जिले का गरीबी उन्मूलन करना रहा है। जिसके लिए उनके द्वारा नवोचारों का प्रयोग करते हुए कार्ययोजना बनाया गया। उनके द्वारा लगातार अधिकारी, कर्मचारी से चर्चा करके धरातल में क्रियान्वयन करवाया जा रहा है। जिनमें से स्वास्थ्य विभाग की सुगम स्वस्थ दंतेवाड़ा योजना तथा हेल्थ कॉल सेंटर और महिला एवं बाल विकास की सुपोषण योजना के नवाचारों के प्रयोग के साथ क्रियान्वयन है।

नक्सल प्रभावित, पहाड़ों, नदियों से घिरे कठिन मार्ग होने के कारण यहाँ समय पर अस्पताल पहुंच पाना थोड़ा कठिन हो जाता है साथ है। जिसे दूर करने के लिए जिला प्रशासन ने सुगम स्वस्थ दंतेवाड़ा योजना की शुरुआत की गई जिसमें यदि 108 या 104 नम्बर से सम्पर्क नहीं हो पा रहा हो तो अपने निकट के किसी वाहन में मरीज या गर्भवती माताओं को अस्पताल लाया जा सकता है जिसके खर्च का भुगतान जिला प्रशासन द्वारा किया जाता है। इसके साथ ही जिले में हेल्थ कॉल सेंटर की भी शुरुआत की गई जिसमें स्थानीय बोली गोंडी, हल्बी का प्रयोग किया जाता है। कॉल सेंटर में जिले के सभी डॉक्टरों, नर्सों, मितानिन, स्वास्थ्य कर्मियों, पटवारी, सचिव के साथ जिले की गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों का नम्बर रहता है। जिससे गर्भवती महिलाओं को उनके जांच की तिथि, प्रसव की तिथि, टीकाकरण, दवाई, उचित डाइट, आदि की जानकारी दी जाती है और पूछा जाता है कि आप कौन से स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव करना चाहते हैं, आपको लाने के लिए गाड़ी कब भेजी जाए। इसी का नतीजा है कि जिले में संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी हुयी है। साथ ही गर्भवती महिलाओं के उचित खानपान का भी जिला प्रशासन ने ख्याल रखा है, उन्हें पूरक पोषण आहार अंडा, गुड़ चना हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन टेबलेट तथा दवाइयां समय पर दी जा रही है। जिससे गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की कमी आयी है, वो स्वस्थ, सुपोषित बच्चे को जन्म दे रहीं हैं। इसी प्रकार कई नई कार्ययोजना हैं, जिसे आमजन तक लाया जा रहा है। अपने नवाचारों से कलेक्टर सोनी ’पूना माड़ाकाल’ दंतेवाड़ा का संकल्प जल्द ही पूरा कर जिले को नए आयाम देने में सफल होंगे

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