राजनांदगांव। हाईकोर्ट के आदेशानुसार अब पीड़ित को मिलेगा मुआवजा संबंधित भूखंड की दोबारा नाप-जोख करने के भी निर्देश
राजनांदगांव। जिस जमीन को अवैध निर्माण बताकर नगर निगम प्रशासन तोड़ने चला था, उस जमीन की अब फिर से नाप-जोख कर नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। हाईकोर्ट के आदेशानुसार अब नगर निगम को वैध निर्माण पर बने मकान की यदि रोड़ चौड़ीकरण के लिए जरूरत हो तो नगर निगम के द्वारा आवेदक संतराम नेताम उर्फ शंकरलाल नेताम को मुआवजा दिया जाएगा। मान. उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश की छायाप्रति आवेदक द्वारा नगर निगम में भी दिया गया है।
यह पूरा मामला शहर के बसंतपुर इलाके क्लब चौक से राजीव नगर का है। बसंतपुर निवासी संतराम नेताम उर्फ शंकरलाल नेताम इन दिनों आधे जमीन पर मकान निर्माण करवा रहा है और आधे जमीन में पुराना मकान है, यह निर्माण खसरा नंबर 17/6 पर किया जा रहा है जिसका क्षेत्र लगभग 4 डिस्मिल है, लेकिन नगर निगम प्रशासन ने मकान को ढहाने के लिए संतराम नेताम उर्फ शंकर लाल नेताम को इस तर्क के साथ नोटिस पकड़ा दिया था कि, वह निर्माण अवैध है और सड़क चौड़ीकरण करने के लिए संतराम नेताम उर्फ शंकरलाल नेताम द्वारा अवैध रूप से निर्माणा कराए जा रहे उस मकान को ढहाने की कार्रवाई करना आवश्यक है।
नगर निगम ने यह नोटिस संतराम नेताम उर्फ शंकर लाल नेताम को 20 अक्टूबर 2020 को जारी किया था। नोटिस मिलने के दूसरे दिन पीड़ित संतराम नेताम उर्फ शंकरलाल नेताम ने नगर निगम को नोटिस का जवाब भी दिया था। उसके बाद भी नगर निगम द्वारा बिना नोटिस एवं नापजोख के बाऊंड्रीवाल को तोड़ दिया गया। फिर पीड़ित संतराम नेताम उर्फ शंकरलाल नेताम के पुत्र प्रेमप्रकाश नेताम ने न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। संतराम नेताम उर्फ शंकर लाल नेताम ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि खसरा नंबर 17/6 वाला यह भूखण्ड़ उन्होंने वर्ष 1950 में खरीदा था, जिसकी रजिस्ट्री कागज ऋण पुस्तिका है, जिसमें नियमानुसार मकान बनाया गया है। लेकिन नगर पालिक निगम प्रशासन ने सड़क चौड़ीकरण के तहत मकान को तोड़ने के लिए नोटिस जारी किया है।
वहीं संतराम नेताम उर्फ शंकरलाल नेताम की याचिका पर सुनवाई करते हुए मान. उच्च न्यायालय बिलासपुर ने 9 नवंबर 2020 को यह निर्देश दिया है कि, इस पूरे भूखण्ड का सीमांकन, नाप कर यह देखा जाए कि आवेदक संतराम नेताम उर्फ शंकरलाल नेताम की जमीन काबिज पायी जाती है तो नगर पालिक निगम को इस भूखण्ड के नजदीक सड़क चौड़ीकरण करने की जरूरत हो तो संतराम को नियमानुसार मुआवजा/क्षतिपूर्ति दिया जाए।