महतारी एक्सप्रेस ने सुगम बनाई अस्पताल तक महिलाओं की पहुंच
राजनांदगांव . करीब 11 लाख की आबादी वाले जिले में कमतर स्वास्थ्य सुविधाएं सबको खल रही है। आज भी दूरस्थ 23 गांवों में उप स्वास्थ्य केंद्र का इंतजार किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में डाक्टरों के 14 से अधिक पद अब भी नहीं भरे जा सके हैं। साथ ही वनांचल में नए अस्पताल भवन की भी कमी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के रास्ते में रोड़ा साबित हो रही है। अगले हफ्ते पेश होने वाले राज्य सरकार के बजट में इन कमियों की पूर्ति के साथ ही खाली पदों पर भर्ती की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा मेडिकल कालेज में सीटों में वृद्धि, ट्रामा सेंटर के रूप में आधुनिक सुविधाएं व डेढ़ सौ से अधिक स्टाफ नर्स समेत अन्य पदों पर भर्ती का भी रास्ता साफ होने की आस बजट से की जा रही है।मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर में ही 150 बिस्तरों वाला मातृ-शिशु अस्पताल बनाया गया है। यह जिले में स्वास्थ्य सेवा में अहम कड़ी साबित हो रहा है। लेकिन वहां अभी कई आधुनिक सुविधाएं नहीं है। वेंटिलेटर को सबसे ज्यादा जरूरी माना जा रहा है। साथ ही विशेषज्ञ डाक्टरों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि गंभीर बच्चों को रेफर करने की जरूरत ही न पड़े। हालांकि शहर ही नहीं, अब दूरस्थ गांवों से भी गर्भवती महिलाएं आसानी से किसी भी शासकीय अस्पताल तक प्रसव कराने के लिए पहुंच रहीं हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के पास वर्ष 2020 में पांच और चमचमाती व सर्वसुविधायुक्त महतारी एक्सप्रेस (102) गाड़ियां पहुंची है। इसे मिलाकर अब 26 वाहन हो गए हैं जो सिर्फ गर्भवती महिलाों को घर से अस्पताल व अस्पताल से घर लाना-ले जाना करते हैं। इसका बड़ा फायदा संस्थागत यानी स्वास्थ्यकर्मियों की देखरेख में प्रसव के रूप में हुआ है। जिले में इस वर्ष संस्थागत प्रसव का प्रतिशत 99 रहा।
हर ब्लाक में हो चार-पांच संजीवनी एक्सप्रेसजिले में कुल नौ ब्लाक हैं। सभी जगह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी हैं। साथ ही संजीवनी एक्सप्रेस की भी सुविधा है, लेकिन जरूरत के हिसाब से संख्या कम मानी जा रही है। हालांकि बेहतर सुविधाओं की कड़ी में बीते वर्ष एक और उपलब्धि संजीवनी एक्सप्रेस (108) के रूप में जुड़ी। साल 2020 में कंडम हो चुके वाहनों के बदले सर्वसुविधायुक्त तीन वाहन मिले। इन्हें मिलाकर जिले में अब 16 संजीवनी एक्सप्रेस मरीजों को लाने व ले जाने का काम कर रही हैं। लेकिन जरूरत हर ब्लाक में चार-पाच संजीवनी एक्सप्रेस की मानी जा रही है। आंकड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं0 संजीवनी एक्सप्रेस की संख्या 160 महतारी एक्सप्रेस हैं कुल 260 जिले में कुल 170 डाक्टर0 700 बिस्तरों की सुविधा वाला अस्पताल0 150 बिस्तरों वाला मातृत्व-शिशु वार्ड0 01 मेडिकल कालेज अस्पताल0 01 टीबी अस्पताल0 जिले में 10 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र0 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 48 0 गांवों में 312 उप-स्वास्थ्य केंदर0 03 शहरी स्वास्थ्य केेद्र अलग0 47 लैब टेक्निशियन दे रहे सेवाएं—–बजट से उम्मीदें0 जिले के दूरस्थ 23 गांवों में उप स्वास्थ्य केंद्र का इंतजार0 ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों के लिए डाक्टरों के खाली 14 से अधिक पदों पर भर्ती0 वनांचल में नए अस्पताल भवन की स्वीकृति की संभावना0 मेडिकल कालेज में सीटों में वृद्धि की उम्मीद 0 ट्रामा सेंटर के रूप में आधुनिक सुविधाएं0 डेढ़ सौ से अधिक स्टाफ नर्स आदि पदों पर भर्ती की स्वीकृतिवर्जन…..नए अस्पताल व भवनों के साथ ही अन्य जरूरतों के लिए शासन को समय-समय पर पत्र भेजा जाता है। बजट के लिए इन सबको मिलाकर प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है जरूरी मांगें पूरी हो जाएंगी। -डा. मिथलेश चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी