यूनिवर्सल रेल मिल में कर्मियों ने मांगा रोस्टर सिस्टम, पौन घंटे चली बैठक
भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र में कोरोना संक्रमण को देखते हुए विभिन्न विभागों में अब रोस्टर सिस्टम लागू करने की मांग तेज हो गई है। यूनिवर्सल रेल मिल में युवा कर्मचारियों ने इसकी मांग करते हुए विभाग के मुख्य महाप्रबंधक के साथ बैठक की। यह बैठक करीब पौन घंटे तक चली। दोनों ओर से तर्क वितर्क चला। बताया जाता है कि इस बैठक के बाद मुख्य महाप्रबंधक घर लौट आए। बाद में जांच में वे और उनकी पत्नी दोनों कोरोना संक्रमित निकले। इसकी जानकारी के बाद से कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति है।
सर्वाधिक कोरोना संक्रमित भिलाई क्षेत्र और खासकर बीएसपी टाउनशिप से प्रतिदिन आ रहे हैं। संयंत्र कर्मियों में इससे दहशत की स्थिति भी है। कार्यस्थल पर कोरोना संक्रमण का जोखिम लगातार बढ़ा है। संयंत्र में 16500 कर्मचारी, 2585 अधिकारी एवं 25 हजार से अधिक ठेका श्रमिक कार्यरत हैं।
कर्मचारी अब दहशत में बताते हैं कि बैठक करीब 45 मिनट तक चली। इस दौरान दोनों ओर से तर्क वितर्क का दौर चलता रहा। मुख्य महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी ने स्पष्ट किया कि उच्च प्रबंधन से इस बात पर चर्चा करते हुए जल्द ही निर्णय ले लिया जाएगा। बताते हैं कि इसके बाद कर्मचारी वहां से निकल गए। कुद देर बाद मुख्य महाप्रबंधक भी कार्यालय से निकल कर घर लौट आए। जिसके बाद उनकी तबियत बिगड़ने लगी। जांच कराने पर वे स्वयं और उनकी पत्नी दोनों कोरोना संक्रमित पाए गए। इसकी जानकारी के बाद से बैठक में शामिल कर्मचारियों में हड़कंप है।
यूनिवर्सल रेल मिल में भी संक्रमण बीएसपी के अहम विभागों में से एक यूनिवर्सल रेल मिल(यूआरएम) में भी कई कर्मचारी संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। स्थिति यही रही तो मैनपावर का संकट हो सकता है। इसे देखते हुए विभाग के दो दर्जन से भी अधिक कर्मचारी रोस्टर सिस्टम की मांग को लेकर विभाग के मुख्य महाप्रबंधक के पास पहुंच गए। उन्होंने संक्रमण की स्थिति को देखते हुए विभाग में रोस्टर सिस्टम लागू करने की मांग की जिससे कर्मचारियों की भीड़ जैसी स्थिति न रहे और संक्रमण की आशंका भी कम हो जाए। विभाग के इलेक्ट्रिकल, मेकेनिकल एवं आपरेशन सेक्शन से जुड़े एवं पुलपिट के कर्मचारियों ने कहा कि यदि संक्रमण बढ़ा तो उत्पादन ठप करने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचेगा। इससे बेहतर है कि कर्मचारियों को रोस्टर की सुविधा दे दी जाए। जिससे हर पाली में कर्मचारियों की संख्या आधी कर दी जाए।