आगरा के बरहन क्षेत्र के गांवखांडा स्थित भारतीय स्टेट बैंक के खाता धारक बाइक मिस्त्री के बचत खाते से 10 दिन में 8,34,625 रुपये का लेन-देन हुआ। उसको भनक तक नहीं लगी। उसके शाखा में पहुंचने पर रुपये निकालने की जानकारी हुई। शाखा प्रबंधक ने खाते से लेन-देन पर रोक लगा दी। आशंका है कि खाते का इस्तेमाल साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन अवैध धन जमा करने और निकासी में किया है। बैंक अपने स्तर पर जांच कर रहा है।
शाखा प्रबंधक राजीव वर्मा ने बताया कि गांव गढ़ी रामबख्श, आंवलखेड़ा निवासी कपिल कुमार ने 26 अगस्त को बैंक में 2500 रुपये से खाता खोला था। उसने खाते से कभी 500 रुपये तो कभी 200 रुपये निकाले। 12 सितंबर को उसके खाते में मात्र 180 रुपये बचे थे।
13 सितंबर को यूपीआई के माध्यम से उसके खाते में सबसे पहले 20 हजार रुपये जमा हुए। यह कुछ देर बाद ही एटीएम कार्ड से निकाल लिए गए। बाद में 19 हजार और जमा हो गए। बाद में कभी दस हजार तो कभी 15 हजार रुपये खाते में आए और निकाल लिए गए। 22 सितंबर तक खाते से 30 बार में 8,34,625 रुपये का लेनदेन किया गया।
बैंक में जारी हुआ था अलर्ट
प्रबंधक के मुताबिक, बचत खाते से कुछ ही दिनों में आवश्यकता से अधिक बार लेनदेन होने पर ऑफलाइन ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट (ओटीएमएस) से मोबाइल पर अलर्ट जारी किया गया। अलर्ट जारी होने पर प्रबंधक ने बचत खाते से जुडे़ तीन मोबाइल नंबरों पर खाता धारक से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ।
22 सितंबर को खाता धारक कपिल बैंक पहुंचे और पांच हजार रुपये निकाले। कैशियर ने यह जानकारी प्रबंधक को दी। उन्होंने खाताधारक कपिल को बुलाकर खाते में 4.17 लाख रुपये जमा होने और निकालने के बारे में पूछा। मगर, वो कोई जवाब नहीं दे सके। इस पर प्रबंधक ने खाते से लेन-देन पर रोक लगा दी। बताया कि खाते में अब 581 रुपये ही बचे हैं।
1.20 करोड़ रुपये जमा होने का मचा हल्ला
गांव गढ़ी रामबख्श निवासी कपिल का कहना है कि बैंक में जब वो रुपये निकालने गए थे तो उन्हें बताया गया कि खाते में 1.20 करोड़ रुपये जमा हुए थे। इसमें से 60 लाख रुपये निकाल लिए गए हैं। बाकी रकम अभी खाते में पड़ी है। इतनी बड़ी रकम के लेन-देन से वो घबरा गया। इस पर बैंक अधिकारियों से पूछताछ की। उन्होंने पासबुक ले ली। जांच की कहकर घर भेज दिया। कस्बे में उनके खाते में 1.20 करोड़ रुपये जमा होने का हल्ला मच गया।
साइबर अपराधी करते हैं खातों का इस्तेमाल
बैंक प्रबंधक राजीव वर्मा का कहना है कि उन्हें मामला साइबर क्राइम से जुड़ा लग रहा है। इस संबंध में जांच की जा रही है। उन्होंने उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है। पुलिस के साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक, इस तरह से खातों को इस्तेमाल साइबर अपराधी करते हैं।
वह किसी खाते को किराये पर या जानकारी लेकर इस्तेमाल करते हैं। लोगों को झांसे में लेकर एक साथ रकम जमा कराई जाती है। इसके बाद निकाल भी ली जाती है। ऐसे में जिसका खाता होता है, उसे पुलिस पकड़ती है। खाते से रकम निकालने वाले का पता नहीं चल पाता है।
शिकायत मिलने पर होगी जांच
एसएसपी मुनिराज जी. ने कहा कि मामला बैंक खाते से जुड़ा हुआ है। अभी पुलिस के पास शिकायत नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।