राजनांदगॉव : शिक्षा में हो रहे नित नए प्रयोगो को तत्काल बंद कर देना चाहिए: फेडरेशन
नए-नए प्रयोगों से शिक्षक स्वतंत्र रूप से अध्यापन नहीं करा पा रहे
शिक्षा में हो रहे नित नए प्रयोग महज एक दिखावा, गुणवत्ता नहीं
नित नए-नए प्रयोगों के कारण शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा कुप्रभाव
नित नए प्रयोगों के चलते शिक्षक हो रहे मानसिक रूप से प्रताड़ित
राजनांदगॉव।। छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी एवं प्रान्तीय महामंत्री सतीश ब्यौहरे का कहना है कि इन दिनों दिखावे के नाम पर शिक्षा में हो रहे नित नए प्रयोग और नए नए नवाचार महज एक प्रचार मात्र हैं। इन नए प्रयोगों के चलते शिक्षक स्वतंत्र होकर अच्छी मानसिकता के साथ अपने विद्यार्थियों को अध्यापन नहीं करवा पा रहे हैं। नए-नए प्रयोगों से दस्तावेजीकरण, बिना मतलब के गूगल फॉर्म भरना, ऑनलाइन एंट्री करना जैसे दिखावे के चलते शिक्षक मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। विभिन्न शिक्षक संगठनों ने ऐसे गलत प्रचारित नवाचार को शिक्षा के लिए महज एक दिखावा व बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है।
ज्ञात हो कि इन दिनों समग्र शिक्षा के तहत शिक्षकों पर अनावश्यक रूप से अध्यापन के अलावा कई दिखावेपूर्ण कार्यों को अधिकारियों द्वारा लादा जा रहा है। जिससे शिक्षक स्वतंत्र होकर अपने पाठ्यक्रम को पढ़ा नहीं पा रहे हैं, जिसका स्पष्ट प्रभाव प्रदेश के स्कूली बच्चों पर दिखाई देने लगा है। ऐसे दिखावेयुक्त प्रचारित तरीके से नवाचार करके शिक्षा विभाग के आला अधिकारी नेताओं व मंत्रियों से वाहवाही ले रहे हैं, जबकि इन सब से बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में कुछ विशेष अंतर नहीं दिखाई पड़ रहा है।
सच तो यह है कि शिक्षक इन सबके चलते अपने हुनर का उपयोग करके बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं। ऐसे गलत दिखावे व वाहवाही लूटने वाले नवाचारों को बंद करके शिक्षकों को सिर्फ पढ़ाने के लिए स्वतंत्र कर दिया जाए तो निश्चित तौर पर अच्छी गुणवत्ता छत्तीसगढ़ के शिक्षा में दिखाई देगी। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने मांग की है कि विभाग को नित नए प्रयोगों को बंद करके शिक्षकों को पढ़ाने के लिए थोड़ा समय दिया जाए ताकि विगत 2 वर्षों से हुए कोविड-19 के कारण शिक्षा की हानि को पूर्ण किया जा सके।
छ.ग.प्रदेश शिक्षक फेडरेशन राजनांदगॉव के जिला अध्यक्ष मुकुल साव, जिला महामंत्री पी.आर.झाड़े, सदस्यगण बृजभान सिन्हा, एफ.आर.वर्मा, वाय.डी.साहू, जनक तिवारी, संजीव मिश्रा, भूषण लाल साव, नरेश कुमार दुबे, बिशाल खरे, रंजीत सिंह कुंजाम, जितेन्द्र बघेल, संगीता ब्यौहरे, नीलू झाड़े, सीमा तरार, अभिशिक्ता फंदियाल, मालती टंडन, सी.एल.चंद्रवंशी, पी.एल.साहू, देवचंद बंजारे, शिव प्रसाद जोशी, सुधांशु सिंह, विरेन्द्र रंगारी, नितेश मेश्राम, रमेश कुमार साहू, सुखराम खोब्रागढ़े, सिद्धेश्वरी वर्मा, ईश्वर टंडन, अब्दुल कलीम खान, सोहन निषाद, मुकेश शुक्ला, हेमन्त पाण्डेय, एच.के.सोनसारवां, बी.के.गुप्ता एवं साथियो ने भी छ.ग.प्रदेश शिक्षक फेडरेशन की इस मांग का समर्थन किया है।