छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में अपना बैलेंस शीट नहीं संभाल पा रही सरकारी बिजली वितरण कंपनी

छत्तीसगढ़ की सरकारी बिजली वितरण कंपनी (सीएसपीडीसीएल) के अफसर कंपनी का बैलेंस शीट नहीं संभाल पा रहे हैं। ट्रैरिफ प्रस्ताव में कंपनी की तरफ से हर बार फायदा होने के अनुमान बताया जाता है, लेकिन कंपनी के अनुमान से खर्च ज्यादा हो जाता है और राजस्व कम प्राप्त होता है। ऐसे में हर बार कंपनी विद्युत नियामक आयोग से पुराने नुकसान की पूर्ति का आग्रह करती है। यह सिलसिला करीब 10 साल से चल रहा है। इस पर न तो कंपनी के अफसर ध्यान दे रहे हैं और न ही आयोग।

दिखा दिया पुराना घाटा वितरण कंपनी की तरफ से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए आयोग को दिए गए प्रस्ताव की भी स्थिति ऐसी ही है। कंपनी ने 2022-23 में 3,642 करोड़ रुपये का लाभ होने का अनुमान बताया है। साथ ही कंपनी ने पिछले वित्तीय वर्ष में 4,388 करोड़ के घाटा बता दिया है। इसी तरह 2021-22 में कंपनी ने दो हजार करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा होने का अनुमान बताया था। साथ ही 4,638 करोड़ का पुराना घाटा दिखा दिया था। 2020-21 में भी यही स्थिति थी।

कंपनी ने 14,230 करोड़ राजस्व की जरूरत के मुकाबले 14,556 करोड़ राजस्व प्राप्त होने का अनुमान बताया

था। इस लिहाज से कंपनी को 326 करोड़ फायदा हो रहा था, लेकिन 3,559 करोड़ पुराने घाटे को पूरा करने के चक्कर में घाटा बढ़कर 3,233 करोड़ पहुंचने का अनुमान बता दिया था। विद्युत उपभोक्ता महासंघ के अध्यक्ष श्याम काबरा कहते हैं कि कंपनी ही नहीं आयोग को भी इस पर विचार करना चाहिए कि लगातार करीब दस वर्षों से यह स्थिति क्यों बनी हुई है।

छत्तीसगढ़ कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा 13 फरवरी तक, शिविर में स्वास्थ्य कर्मी लोगों को करेंगे जागरूक
छत्तीसगढ़ कुष्ठ जागरूकता पखवाड़ा 13 फरवरी तक, शिविर में स्वास्थ्य कर्मी लोगों को करेंगे जागरूक
यह भी पढ़ें
खर्च बढ़ जाता है और अनुमान से कम प्राप्त होता है राजस्व

आय और व्यय दोनों ही मामलों में कंपनी का अनुमान हर बार गलत हो जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए कंपनी ने मरम्मत और रखरखाव के लिए करीब 140 करोड़ रुपये आयोग से स्वीकृत कराया था, लेकिन वह बढ़कर 300 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। वहीं, विभिन्न् श्रेणी के उपभोक्ताओं से प्राप्त होने वाला राजस्व भी कम प्राप्त हुआ। विशेष रूप से राज्य सरकार की तरफ से मिलने वाली राशि कम मिली।

advertisement
advertisement
advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button