छत्तीसगढ़

प्राचार्य के 169, व्याख्याताओं के 281 पद रिक्त अतिथि शिक्षकों के भरोसे होगी स्कूलों में पढ़ाई

शिक्षा का दो सत्र कोविड संक्रमण की वजह से लड़खड़ाई हुई व्यवस्था के बीच बीत गया। स्कूल बंद रहे और छात्र-छात्राओं को खुद ही पढ़ाई-लिखाई करनी पड़ी। शिक्षकों को भी गली-मोहल्ले में क्लास लेने की नौबत आ गई थी। ऑफलाइन की बजाए छात्र-छात्राओं की परीक्षा दी और उत्तीर्ण भी हुए पर परीक्षा में होने वाले संघर्ष से पीछे रह गए। अब नए शिक्षा सत्र की शुरुआत 16 जून से होने वाली है। नए शिक्षा सत्र की तैयारी देखने के लिए बुधवार को कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने स्कूलों का निरीक्षण किया।

शिक्षा विभाग की ओर से नए एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों के स्वागत की तैयारी है। इधर नए सत्र में भी विषय विशेषज्ञों की कमी के बीच पढ़ाई-लिखाई करनी होगी। जिले में हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य के 169 और विषयवार व्याख्याताओं के 281 पद रिक्त हैं। वनांचल में तो अतिथि शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई होगी। जिले में हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों के लिए कुल स्वीकृत पद 2391 हैं ओर इनमें से 2110 शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं 281 पद रिक्त पड़े हुए हैं। सबसे बेकार स्थिति विज्ञान संकाय में हैं।

वनांचल में ऐसी है स्थिति

शिक्षा विभाग की ओर से वनांचल के हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में रिक्त पदों के लिए सालभर पहले अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। लगभग 82 अतिथि शिक्षकों के भरोसे वनांचल में पढ़ाई कराई जा रही है। स्कूल की दूरी, अभावों के चलते कई अतिथि शिक्षकों ने ज्वॉइनिंग भी नहीं दी है। शिक्षा विभाग से अतिथि शिक्षकों को रखकर पद भर दिए जाने का दावा किया जा रहा है पर अतिथि शिक्षकों की दूसरी जगह नौकरी लगने पर ये छोड़कर भी जा रहे हैं।

विज्ञान संकाय में ऐसी स्थिति, छात्र प्रयोग नहीं कर पा रहे

सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के 457 पद स्वीकृत हैं पर कार्यरत केवल 249 हैं और रिक्त पद 208 हैं। इन पदों को भरा नहीं गया है। इस वजह से प्रयोगशाला में विद्यार्थी प्रयोग भी नहीं कर पा रहे हैं। जबकि प्रयोगशालाओं के नाम पर हाल साल कैमिकल सहित अन्य उपकरणों की खरीदी हो रही है। प्रयोगशाला में शिक्षकों के अभाव में ये उपकरण शो पीस बने हुए हैं। विद्यार्थी नया कुछ प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं।

जर्जर व सुविधाहीन स्कूलों में न लगाएं कक्षा : पालक

शहर में गंज पारा स्कूल को अंग्रेजी माध्यम बनाया गया है। यहां पर आरटीई के ऐसे बच्चे भी पढ़ाई कर रहे हैं जो कि निजी स्कूल बंद होने के बाद भटक रहे थे। शिक्षा विभाग की ओर से इन विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम स्कूल के नाम पर भर्ती करा दिया गया है। पालकों की ओर से लगातार शिकायत की जा रही है कि इस जर्जर और सुविधाहीन स्कूल भवन में कक्षाएं न लगाई जाएं।

निजी स्कूलों की तरह डवलप किया जा रहा है
कुछ सरकारी स्कूलों की ओर से नवा पहल की गई है। निजी स्कूलों की तर्ज पर स्कूल को सुविधायुक्त बनाया गया। कोहका बोड सहित कुछ स्कूल पोस्टर के माध्यम से बता रहे हैं कि स्कूल में क्या-क्या सुविधाएं दी जाती हैं। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने इस पहल की सराहना करते हुए पोस्टर को सोशल मीडिया में शेयर किया है।

पद भरे जा रहे हैं : डीईओ

डीईओ आरएल ठाकुर ने बताया कि नए शिक्षा सत्र की शुरुआत 16 जून से होगी। नए एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों का स्वागत होगा। प्राचार्यों को निर्देशित कर दिया गया है कि नियमित कक्षाएं लेंगे। समन्वयकों को भी कक्षा लेनी है। जरूरत पड़ने पर प्राचार्य भी पढ़ाई कराएंगे।

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