मुख्यमंत्री मितान योजना शुरू होने के बाद अब च्वाइस सेंटर बंद होने की कगार पर है. आसानी से घर में किसी भी तरह के प्रमाणपत्र मिलने के बाद लोगों का रुझान च्वाइस सेंटर की तरफ कम हुआ है.रायपुर: ‘लोक सेवा केंद्र’ यानी ‘चॉइस सेंटर’ में एक समय दिन भर लोगों की भीड़ लगी रहती थी. राशन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, गुमास्ता, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, लाइसेंस सहित कई अन्य प्रमाण पत्र के लिए लोग ‘चॉइस सेंटर’ जाते थे. यह सभी प्रमाण पत्र लोगों को समय सीमा में ‘चॉइस सेंटर’ से मिल जाते थे. लेकिन इसमें भी लोगों को थोड़ी परेशानी होती थी खासकर महिलाओं बुजुर्गों को चॉइस सेंटर तक आने-जाने में काफी दिक्कत होती थी. इसके अलावा उन्हें परिवहन में भी काफी खर्च करना पड़ता था. लोगों की इसी परेशानी को देखते हुए प्रदेश में मुख्यमंत्री मितान योजना की शुरुआत की गई जिसके बाद अब चॉइस सेंटर में लगने वाली भीड़ कम हो गई है. भीड़ कम होने की वजह से ‘चॉइस सेंटर’ संचालकों की आमदनी भी कम हो गई है
रायपुर: ‘लोक सेवा केंद्र’ यानी ‘चॉइस सेंटर’ में एक समय दिन भर लोगों की भीड़ लगी रहती थी. राशन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, गुमास्ता, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, लाइसेंस सहित कई अन्य प्रमाण पत्र के लिए लोग ‘चॉइस सेंटर’ जाते थे. यह सभी प्रमाण पत्र लोगों को समय सीमा में ‘चॉइस सेंटर’ से मिल जाते थे. लेकिन इसमें भी लोगों को थोड़ी परेशानी होती थी खासकर महिलाओं बुजुर्गों को चॉइस सेंटर तक आने-जाने में काफी दिक्कत होती थी. इसके अलावा उन्हें परिवहन में भी काफी खर्च करना पड़ता था. लोगों की इसी परेशानी को देखते हुए प्रदेश में मुख्यमंत्री मितान योजना की शुरुआत की गई जिसके बाद अब चॉइस सेंटर में लगने वाली भीड़ कम हो गई है. भीड़ कम होने की वजह से ‘चॉइस सेंटर’ संचालकों की आमदनी भी कम हो गई है
इस योजना का लाभ लेने के लिए पहले लोगों को चॉइस सेंटर तक जाना पड़ता था. वहां जाकर आवेदन करना पड़ता था और प्रमाण पत्र के लिए जरूरी दस्तावेज जमा करने होते थे. उसके बाद उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाता था. इसके बदले उन्हें सरकार की ओर से कुछ कमीशन दिया जाता था. जिसकी वजह से इन चॉइस सेंटर के संचालकों की महीने की आय लगभग 12 हजार से 15 हजार रुपये हो जाती थी.लेकिन अब मुख्यमंत्री मितान योजना शुरू होने से यह आय काफी कम हो गई है. आलम यह है कि कुछ चॉइस सेंटर संचालक अपनी जीविका के लिए दूसरे विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं. देवांगन चॉइस सेंटर के संचालक भूपेंद्र देवांगन का कहना है कि मुख्यमंत्री मितान योजना शुरू किए जाने के बाद अब उनके यहां लोगों की संख्या पहले से काफी कम हो गई है जिस वजह से इनकी आमदनी भी काफी कम हो गई हैअब बात करते हैं मुख्यमंत्री मितान योजना की: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस वर्ष एक मई 2022 को श्रम दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री मितान योजना लॉन्च की थी. अभी इस योजना को शुरू हुए लगभग पांच महीने ही हुए हैं, लेकिन लोगों के बीच यह काफी लोकप्रिय हो रही है. नगर निगम क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग इस योजना का लाभ उठाने लगे हैं. इस योजना के माध्यम से नागरिकों को वर्तमान में 14 नगर निगमों में 13 प्रकार की सेवाएं राजस्व और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है. जिसमें मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाणपत्र, आय प्रमाण पत्र, दस्तावेज़ की नकल, गैर-डिजिटाइज्ड (भूमि रिकॉर्ड आदि की प्रति), मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह पंजीकरण और प्रमाणपत्र, जन्म प्रमाणपत्र, दुकान और स्थापना पंजीकरण, जन्म प्रमाणपत्र सुधार, मृत्यु प्रमाणपत्र सुधार, विवाह प्रमाणपत्र सुधार आदि सेवाएं शामिल हैं मुख्यमंत्री मितान योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 30 हजार से अधिक नागरिकों को दस्तावेज संबंधी जानकारी कॉल के माध्यम से प्राप्त हुई है, वहीं लगभग 14 हजार 545 से अधिक नागरिकों ने घर बैठे अपने शासकीय दस्तावेज प्राप्त किए हैं. राज्य भर में लगभग 20,800 अप्वाइंटमेंट सितंबर तक बुक किए जा चुके हैं इस योजना के जरिए नागरिकों को एक कॉल पर सभी शासकीय दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए अपॉइनमेंट बुक करने की सुविधा उपलब्ध हो रही है. इसका लाभ उठाने के लिए नागरिकों को टोल फ्री नंबर 14545 पर कॉल करना होता है. इसके बाद आपके घर आवश्यक दस्तावेज लेने मितान पहुंच जाएगा और बाद में प्रमाण-पत्र भी घर पर ही छोड़ेगा. उससे बुजुर्गों, महिलाओं, निःशकों और निरक्षरों को काफी सुविधा मिल रही है. मुख्यमंत्री मितान योजना के तहत लोगों तक सुविधा पहुंचाने का काम एक निजी कंपनी को दिया गया है. जिसने इस काम के लिए कर्मचारी रखे हुए हैं. उनको 15 हजार रुपये वेतन और 4 हजार रुपये वाहन भत्ता दिया जाता है इसके अलावा इन कर्मचारियों को प्रमाण पत्र के हिसाब से कमीशन भी मिलता है