छत्तीसगढ़बेमेतरा जिला

बेमेतरा : महात्मा गांधी नरेगा से डबरी निर्माण कर मोरध्वज कर रहा है मछली पालन

बेमेतरा वैसे तो महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत बहुत से ग्रामीण परिवारों को श्रम मूलक कार्यों के माध्यम से नियमित रूप से रोजगार प्राप्त हो रहे हैं जिसमें विभिन्न प्रकार की संरचनाओं का निर्माण के साथ-साथ परिसंपत्तियों का निर्माण हो रहा है। जिसमें व्यक्ति मुलक कार्य भी संपादित हो रहे हैं यह ऐसे कार्य होते हैं जो कि महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत पात्रता रखने वाले पंजीकृत परिवारों को उनके व्यक्तिगत भूमि पर कार्य कराए जाते हैं जिससे ना केवल रोजगार का सृजन हो बल्कि संबंधित हितग्राही का आर्थिक सशक्तिकरण हो। जितेंद्र कुमार शुक्ला कलेक्टर बेमेतरा एवं लीना कमलेश मंडावी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत बेमेतरा के मार्गदर्शन में जिले में ऐसे व्यक्ति मुलक कार्यों को प्राथमिकता से कराए जा रहे हैं जिला बेमेतरा का विकासखंड साजा कृषि प्रधान क्षेत्र होने के कारण यहां के किसान व्यक्तिगत भूमि पर तालाब निर्माण जैसे कार्यों से बचते हैं। विकासखंड साजा के मैदानी अमले एवं सरपंच मंजू कोसरे रोजगार सहायक विनय ठाकुर एवं तकनीकी सहायक डोमन लाल साहू द्वारा ग्राम पंचायत गोडमर्रा के स्थानीय निवासी मोरध्वज मरई पिता जहवल जाति गौड़ को व्यक्तिगत भूमि पर निजी डबरी निर्माण कर मत्स्य पालन हेतु प्रेरित किया गया। मोरध्वज पूर्व में मत्स्य पालन के कार्यों से जुड़ा होने के कारण मछली पालन के लाभ से अवगत थे। उनके निजी जमीन पर खुद के तालाब निर्माण कराए जाने की बात सुनकर महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्य कराने हेतु प्रेरित हुए।कार्यालय जनपद पंचायत साजा द्वारा प्राक्कलन तैयार कराए जाकर राशि 6.53 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान कराई गई एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 में ही कार्य पूर्ण करा लिया गया। वर्तमान में मोरध्वज द्वारा उक्त तालाब निर्माण में मछली पालन हेतु लगभग 20 किलो मछली बीज डालकर मछली पालन किया जा रहा है। साथ ही तालाब के मेड में अरहर की खेती की जा रही है मनरेगा अंतर्गत निर्मित निजी डबरी का प्रत्यक्ष रूप से लाभ स्पष्ट परिलक्षित होने लगा है। इस कार्य से गांव के लगभग 60 से 70 परिवारों को रोजगार प्राप्त हुआ था। योजना के महत्वपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति हेतु जिला बेमेतरा में महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कार्य कराए जा रहे हैं। हितग्राही द्वारा बताया गया कि मछली पालन से उनको पहली वर्ष में ही लगभग 1 से डेढ़ लाख रुपये का लाभ होने की संभावना है। मोरध्वज द्वारा कराए गए इस कार्य से योजना का मुख्य उद्देश्यों की पूर्ति होती दिख रही है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत जनपद पंचायत साजा क्षेत्र में योजना के प्रावधान के अनुसार अन्य परिवारों को भी विभिन्न प्रकार के व्यक्तिगत कार्यों से लाभान्वित किया जा रहा है। इस कार्य से ना केवल हितग्राही को लाभ हो रहा है बल्कि गांव के अन्य श्रमिकों को भी इससे रोजगार उपलब्ध हो रहे हैं जनपद पंचायत साजा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कांति धु्रव एवं कार्यक्रम अधिकारी अरविंद कश्यप द्वारा बताया गया कि वर्तमान में जहां किसान परंपरागत खेती से हटकर दूसरी प्रकार की खेती करने से घबराते हैं वहीं मोरध्वज द्वारा अपने जमीन पर निजी डबरी का कार्य कराया जाना एक सकारात्मक उदाहरण है। लोग ऐसे कार्यों का अनुसरण जरूर करें एवं परंपरागत खेती के अलावा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से अन्य प्रकार व्यक्ति मुलक एवं आर्थिक गतिविधियों से संबंधित कार्यों को भी रुचि लेकर कराएं। योजना की विस्तृत जानकारी के लिए हितग्राही संबंधित ग्राम पंचायत अथवा जनपद पंचायत साजा में संपर्क कर सकते हैं।

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